ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी के दावे से बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। उन्होंने टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और जेडी(यू) के नीतीश कुमार से मुलाकात की है और दावा किया है कि दोनों नेताओं ने मुस्लिम संगठनों को आश्वासन दिया है कि उनकी पार्टियां वक्फ (संशोधन) बिल का विरोध करेंगी। खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने यह बात एक कांफ्रेस के दौरान कही जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान मुस्लिम संगठनों की ओर से एक सुर में कहा गया कि अगर यह बिल वापस नहीं हुआ तो देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

क्या बोले खालिद सैफुल्लाह रहमानी?

खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की विपक्षी दलों से मुलाकात की है। उन्होंने कहा, “हमने चंद्रबाबू नायडू से भी मुलाकात की, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वह इस बिल का विरोध करेंगे। हमने कल नीतीश कुमार से मुलाकात की और उन्होंने भी हमें आश्वासन दिया कि वह भी इस बिल का विरोध करेंगे। तेजस्वी यादव ने भी हमें आश्वासन दिया है कि उनकी पार्टी इस विधेयक का विरोध करेगी। उद्धव ठाकरे ने बयान दिया है कि वह किसी को भी वक्फ पर हाथ डालने की इजाजत नहीं देंगे और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी कहा है कि वह इसका विरोध करेंगे।”

खालिद सैफुल्लाह रहमानी से जब दोनों नेताओं के साथ हुई बातचीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हम इस पर विस्तार से नहीं बता सकते। हमने उनसे मुलाकात की है। यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है, यह न्याय और अन्याय का मुद्दा है। इसलिए हम चाहते हैं कि भाजपा के सहयोगी दलों सहित सभी धर्मनिरपेक्ष दल न्याय और धर्मनिरपेक्षता के मद्देनजर हमारा समर्थन करें।”

रहमानी ने कहा कि मुस्लिम संगठनों को वक्फ विल पर संसद की संयुक्त समिति से कोई निमंत्रण नहीं मिला है और अगर उन्हें ऐसा निमंत्रण मिलता है तो वे समिति के समक्ष अपना रुख स्पष्ट करेंगे।

एआईएमपीएलबी अध्यक्ष ने कहा, “हमें अब तक निमंत्रण नहीं मिला है। लेकिन अगर हमें आमंत्रित किया जाता है, तो हम जाएंगे और हमारे सभी संगठन – ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलमा-ए-हिंद, जमात-ए-इस्लामी हिंद, जमीयत-ए-अहल-ए-हदीस – इसके लिए तैयार हैं।”