Russia Oil: विदेश मंत्रालय ने मीडिया में आई उन खबरों को लेकर खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि कुछ भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। इसको लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल शुक्रवार को कहा कि आप ऊर्जा स्रोत की आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध संसाधनों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं। हमें किसी विशेष स्थिति की जानकारी नहीं है।
ईरान के साथ व्यापार करने वाली भारतीय कंपनियों पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाने की घोषणा पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने प्रतिबंधों पर ध्यान दिया है और हम इस पर विचार कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर कि भारत एक दिन पाकिस्तान से तेल खरीद सकता है। इस पर उन्होंने कहा कि इस मामले में मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मज़बूत जन-जन संबंधों पर आधारित एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। इस साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है। हम उस ठोस एजेंडे पर केंद्रित हैं जिसके लिए दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई है और हमें विश्वास है कि यह रिश्ता आगे भी बढ़ता रहेगा।
भारत से इतना क्यों खफा अमेरिका?
बात दें, भारत से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के दो दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा धमाका किया। भारत और रूस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है कि उन्हें मॉस्को के साथ नई दिल्ली के लेन-देन की कोई परवाह नहीं है और दोनों “मिलकर अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को नीचे गिरा सकते हैं।”
ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मुझे इसकी परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। मुझे इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि वे अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को साथ मिलकर कैसे गिरा सकते हैं। हमने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है, उनके टैरिफ़ बहुत ज़्यादा हैं, दुनिया में सबसे ज़्यादा। इसी तरह, रूस और अमेरिका भी साथ मिलकर लगभग कोई व्यापार नहीं करते। चलिए इसे ऐसे ही रहने देते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव पर निशाना साधते हुए कहा कि वाशिंगटन डीसी का रूस के साथ “अल्टीमेटम गेम” युद्ध का कारण बन सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि और रूस के असफल पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव, जो खुद को अभी भी राष्ट्रपति समझते हैं। वहीं, व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं। पढ़ें…पूरी खबर।