Delhi Election Results 2025: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत सरकार बनाती हुई दिख रही है। वहीं आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया हार चुके हैं। इस तरह दिल्ली में 10 साल का आम आदमी पार्टी का राज लगभग खत्म होता दिख रहा है। ऐसे में अगर हम समझने की कोशिश करें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार से बीजेपी-पीएम मोदी और कांग्रेस को क्या फायदा होगा। तो आइए कुछ प्रमुख तथ्यों और सवालों पर एक नजर डालते हैं।

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने केजरीवाल की अपराजेय मुख्यमंत्री वाली छवि टूट जाएगी।
  2. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी होने के दर्जे पर भी असर पड़ सकता है।
  3. भाजपा दिल्ली की जीत को कई मायनों में महाराष्ट्र और हरियाणा से बड़ा बताएगी।
  4. 2029 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जा सकता है। पार्टी की मजबूरी हो जाएगी कि मोदी जैसे चुनाव जिताऊ नेता को अभी रिटायर करने की जरूरत नहीं है। दिल्ली का चुनाव जीत लेने पर पार्टी में मोदी को चैलेंज करने की कोई भी हिम्मत नहीं करेगा।
  5. लोकसभा में डेंट लगने के बाद ब्रांड मोदी और मजबूत होगा। लोकसभा में भाजपा ने जो बहुमत खोया था वो हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद दिल्ली जीतकर अपना रुतबा कायम कर सकती है।
  6. एक देश -एक चुनाव, वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर भारतीय जनता पार्टी का आत्मविश्वास और मजबतू होगा।
  7. ये साबित हो जाएगा अभी भी साथ मिलकर या अलग अलग लड़कर भी इंडिया गठबंधन की पार्टियां अकेले मोदी को हराने में नाकाम साबित हुई है।
    • केजरीवाल के नेत्तृव पर गंभीर सवाल उठेगें और आम आदमी पार्टी के टूटने का खतरा बढ़ जाएगा।
  8. केजरीवाल के दिल्ली मॉडल पर सवाल उठेगें। आप की देश व्यापी विस्तार की कोशिशों को बड़ा झटका लगेगा।
  9. बीजेपी ये नैरेटिव बनाएगी कि केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं पर लगे करप्शन के आरोपों पर दिल्ली की जनता ने भी मुहर लगा दी है।
  10. पहले से ही घोटाले के आरोप झेल रहे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सतेंद्र जैन और संजय सिंह की मुश्किलें और बढ़ेंगी।
  11. पंजाब में आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार की मुश्किलें बढ़ेंगी।
  12. दिल्ली में आम आदमी पार्टी हारेगी तो दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में एक बार फिर कांग्रेस के मजबूत होने का रास्ता खुल सकता है।
  13. कांग्रसे के मजबूत होने से कई क्षेत्रीय पार्टियों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
  14. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव, बिहार में तेजस्वी यादव, बंगाल में ममता बनर्जी, और महाराष्ट्र में शरद पावर के लिए राहुल गांधी के नेत्तृव को स्वीकार करना मजबूरी बन जाएगा।
  15. इंडिया गठबंधन में गैर कांग्रेसी दलों के गठजोड़ को झटका लगेगा।
  16. EVM पर नए सिरे से सवाल उठाए जाएंगे।
  17. जो जितना फ्रीबीज देगा उसकी जीतने की गारंटी उतनी बढ़ जाएगी।

वहीं, दिल्ली चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी की बढ़त जारी रहने के बीच दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना भरोसा जताया है। उन्होंने यह भी बताया कि मोदी शनिवार शाम को पार्टी मुख्यालय आने वाले हैं। सचदेवा ने कहा कि यह हमारे और दिल्ली की जनता के लिए बड़ी जीत है और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर अपना भरोसा जताया है।

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भाजपा के परवेश साहिब सिंह वर्मा ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराकर महत्वपूर्ण चुनावी जीत हासिल की है। दिल्ली के प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आने वाले परवेश पूर्व भाजपा नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। उनके परिवार के राजनीतिक संबंध उनके चाचा आज़ाद सिंह से जुड़े हैं, जो पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर रह चुके हैं और 2013 के विधानसभा चुनाव में मुंडका निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं। परवेश ने अपना राजनीतिक जीवन 2013 में शुरू किया, जब उन्होंने दिल्ली विधानसभा के लिए महरौली निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला चुनाव जीता।

परवेश वर्मा की बेटी सानिधि ने कहा कि हम सभी बहुत खुश हैं। मैं नई दिल्ली की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने हमें अगले पांच साल तक उनकी सेवा करने का मौका दिया। हम विधायक बनने पर बहुत खुश हैं। हमने हमेशा पार्टी द्वारा दिए गए पदों को स्वीकार किया है, इस बार भी हम इसे खुशी-खुशी स्वीकार करेंगे।

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