हेट स्पीच के मामले में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद परवेश वर्मा के खिलाफ केस दर्ज न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से जवाब मांगा तो वो टाइम मांगने लगे। जस्टिस ने तीन महीने बाद की तारीख लगाकर कहा कि तसल्ली से जवाब दीजिए पर दीजिए जरूर। मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को की जाएगी। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच आज मामले की सुनवाई कर रही थी।
माकपा नेता वृंदा करात ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें निचली अदालत ने अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। वृंदा करात ने स्पेशल लीव पटीशन दायर करके सुप्रीम कोर्ट से दरखास्त की है कि वो हेट स्पीच के मामले में दोनों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश जारी करे। कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को नोटिस देकर पूछा था कि दोनों नेताओं के खिलाफ केस दर्ज क्यों नहीं किया गया, इस पर वो काउंटर एफिडेविट दाखिल करें। उनके वकील ने अदालत से समय की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के फैसले को बताया था गलत
पिछली सुनवाई के दौरान माकपा नेता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मजिस्ट्रेट ने दोनों के खिलाफ इस आधार पर केस दर्ज करने की अनुमति नहीं दी क्योंकि अथॉरिटी से सेंक्शन नहीं ली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के फैसले को सरासर गलत बताया था। करात ने अपनी याचिका में 27 जनवरी 2020 को एक रैली में अनुराग ठाकुर के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था- देश के गद्दारों को गोली मारो…को।
बीजेपी सांसद परवेश वर्मा का भी वृंदा करात की याचिका में जिक्र
वृंदा करात ने भाजपा सांसद परवेश वर्मा के भी उस बयान का जिक्र अपनी याचिका में किया है जिसमें 27-28 जनवरी के दौरान वो एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहते दिखे। याचिका में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ जहर उगला था। उनके बयानों से जाहिर है कि वो चाहते थे कि प्रदर्शन कर रहे लोगों को जबरन हटा दिया जाए।
परवेश वर्मा ने मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा था कि ये लोग आपके (हिंदुओं) के घरों में घुसकर रेप और हत्या जैसी वारदातें करेंगे। दोनों एक समुदाय विशेष के खिलाफ जहर उगल रहे थे। करात का कहना है कि पुलिस को दोनों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए था अलबत्ता दोनों के खिलाफ केस भी दर्ज नहीं हो सका।