लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र विपक्षी पार्टियों ने केंद्र में सत्तारुढ़ बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए को हराने के लिए गोलबंदी शुरू कर दी है। विपक्षी पार्टियों की बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी। इस बैठक में विपक्ष के 26 पार्टियों ने भाग लिया। बैठक के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम INDIA रखा गया। सूत्रों ने बताया कि गठबंधन का नाम INDIA रखे जाने से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हैं।

बेंगलुरु बैठक में कांग्रेस का दबदबा और INDIA नाम पर नीतीश को एतराज

रिपोर्ट्स के मुताबिक बेंगलुरु में हुए दो दिवसीय बैठक में कांग्रेस का दबदबा रहा और INDIA नाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुझाया था। वहीं नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन के लिए दूसरा नाम रखने की मांग कर रहे थे। बिहार के सीएम नीतीश कुमार बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में नहीं आये थे। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जाने लगी कि नीतीश कुमार कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए नीतीश कुमार ने ही विपक्षी एकता कायम करने की शुरुआत की है।

दिल्ली में बैठक कर बीजेपी ने बढ़ाया एनडीए का कुनबा, विपक्ष पर लगाए आरोप

दूसरी ओर बीजेपी ने 18 जुलाई को एनडीए के सहयोगी दलों के साथ दिल्ली के अशोका होटल में बैठक बुलाई। एनडीए के बैठक में कुल 38 राजनीतिक दलों ने भाग लिया। एनडीए की बैठक कर बीजेपी ने अपने कुनबे को विपक्ष से बड़ा दिखाने की कोशिश की है। एनडीए के नेताओं ने बेंगलुरु में हुए विपक्षी दलों की बैठक पर निशाना भी साधा। विपक्षी गठबंधन के नाम INDIA को लेकर भी तमाम तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। यह मामला अदालत में भी पहुंच गया है।

सीएम नीतीश कुमार ने नाराजगी के सवालों और अफवाहों पर क्या कहा?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि 23 जून को हुए विपक्षी बैठक के पहले दौर में 15 दलों ने भाग लिया था। वहीं दूसरे चरण में बेंगलुरु में हुई दो दिवसीय बैठक में 26 दलों ने भाग लिया। यह देख कर उन्हें बहुत खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ और पार्टियों को विपक्ष के अगले दौर के बैठक में बुलाने का सुझाव दिया है। वहीं और लोगों ने भी कई पार्टियों को बुलाने का सुझाव रखा।

राजगीर बैठक में आने का दिया हवाला, नाराजगी को बताया झूठी खबर

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये झूठी खबर कौन फैला रहा है कि वह नाराज हैं। उन्होंने कहा कि मुझे राजगीर आना था इसलिए बैठक खत्म होने के तुरंत बाद ही बेंगलुरु से निकल गया था। बैठक के बाद हुए प्रेस कांफ्रेंस में सबको बोलना जरूरी नहीं है। जब सीएम से पूछा गया कि विपक्ष के गठबंधन का नाम INDIA रखे जाने पर क्या वो नाराज हैं तो उन्होंने कहा ऐसी कोई बात नहीं है।

एनडीए की बैठक पर नीतीश कुमार का हमला, दिलाई अटलजी की याद

नीतीश कुमार ने कहा कि देखिये बीजेपी अब कैसे 38 दलों का गठबंधन होने की बात कर रहे हैं। क्या वे 38 पार्टियों का नाम भी बता पाएंगे। हमारे गठबंधन में सभी प्रमुख नाम मौजूद हैं। क्या एनडीए पहले भी बैठक बुलाती थी। जैसा अटल जी के दौर में बुलाया जाता था। अब हमारे बैठक को देख कर बीजेपी भी अपने सहयोगी दलों के साथ बैठक बुलाने लगी है। उनसे जब पूछा गया कि क्या वह INDIA के राष्ट्रीय संयोजक बनेंगे तो उन्होंने कहा कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है ना ही मेरी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा है। मैं खुश हूं कि सभी चीज सही से चल रहा है।

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मान-सम्मान वाले सवाल पर नीतीश ने पूछा- सुशील मोदी बैठक में थे क्या?

वहीं बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को बेंगलुरु में मान-सम्मान नहीं दिया गया इसलिए वो नाराज है। नीतीश कुमार ने बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी पर हमला बोलते हुए पूछा कि क्या वह बेंगलुरु के बैठक में मौजूद थे? जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह ने भी कहा कि हम बैठक से थोड़ा जल्दी निकल गए क्योंकि हम लोगों को फ्लाइट पकड़नी थी।

गठबंधन में सभी दलों को बराबर सम्मान दिया जाए- राजद

दूसरी ओर जेडीयू के सूत्रों ने बताया कि बेंगलुरु की बैठक में कांग्रेस पूरी तरह हावी थी। नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को बेंगलुरु में लगे पोस्टर और बैनर में न के बराबर जगह दी गई थी। इसी बात से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज थे। राजद के एक नेता ने कहा कि नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में नहीं जाकर कांग्रेस पार्टी को कड़ा संदेश दिया है कि विपक्ष के बैठक में सभी दलों को बराबर सम्मान दिया जाना चाहिए।