New CEC Selection: राजीव कुमार की जगह पर नए मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली हाई लेवल कमेटी की सोमवार को हुई बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार से कहा कि नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक नियुक्ति को टाल दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगा। सरकारी सूत्रों ने कहा कि नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना कुछ ही घंटों में जारी होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, 30 मिनट की मीटिंग में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त के पदों के लिए चुने गए पांच-पांच नामों के पैनल समिति के सदस्यों के सामने रखे गए थे। गांधी के असहमति नोट को बैठक की कार्यवाही में शामिल किया गया।
पहले सीईसी की नियुक्ति कैसे होती थी?
इलेक्शन कमीशन एक तीन सदस्यीय निकाय है। इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त होता है और दो चुनाव आयुक्त होते हैं। इससे पहले सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए संसद से कोई भी कानून पारित नहीं किया गया था। पीएम मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति नियुक्ति करती थीं। चली आ रही परंपरा के हिसाब से वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त का उत्तराधिकारी अगला सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त होता है। वरिष्ठता आमतौर पर इस आधार पर तय की जाती थी कि आयोग में पहले किसे नियुक्त किया गया था।
इस वक्त आयोग में राजीव कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त हैं और ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू दो चुनाव आयुक्त हैं। कुमार और संधू दोनों को एक ही दिन 14 मार्च को आयोग में नियुक्त किया गया था और वे आईएएस अधिकारियों के एक ही बैच के हैं। तो वरिष्ठ कौन है? सरकार और आयोग के सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ ज्ञानेश कुमार हैं, क्योंकि राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी नियुक्ति अधिसूचना में उनका नाम सबसे पहले आता है। इसलिए, पुरानी व्यवस्था के तहत राजीव कुमार की रिटायरमेंट के बाद राष्ट्रपति ज्ञानेश कुमार की मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर देती। लेकिन इस बार यह इतना आसान काम नहीं है।
कौन हैं ज्ञानेश कुमार? मुख्य चुनाव आयुक्त की रेस में सबसे आगे
इस बार सीईसी की नियुक्ति कैसे होगी?
नए सीईसी की नियुक्ति नए कानून के हिसाब से की जाएगी। इस अधिनियम के तहत, कानून मंत्री की अध्यक्षता वाली एक सेलेक्शन कमेटी को सबसे पहले पांच उम्मीदवारों की एक लिस्ट तैयार करनी होती है। फिर यह लिस्ट प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री से बनी चयन समिति को भेजी जाती है।
सेलेक्ट कमेटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , विपक्ष के नेता राहुल गांधी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं। अधिनियम की धारा 8 इस समिति को शॉर्टलिस्ट किए गए पांच लोगों के अलावा अन्य नामों पर भी विचार करने का अधिकार देती है। सेलेक्ट कमेटी की सिफारिश पर राष्ट्रपति अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करेंगी। ठीक इसी तरह मार्च 2024 में ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को आयोग में नियुक्त किया गया था और सीईसी की नियुक्ति के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। ‘…नॉनसेंस’, मतों की गिनती शुरू होते ही फर्जी ट्रेंड दिखाने पर भड़के CEC पढ़ें पूरी खबर…
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को स्वतंत्र इकाई के रूप में नियुक्ति सीईसी की प्रक्रिया से बाहर रखने या हटाने की कोशिश करके सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे केवल नियंत्रण चाहते हैं, विश्वसनीयता नहीं। चुनाव आयोग के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज विश्वसनीयता है।
