बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के निशाने पर फिर से पीएम नरेंद्र मोदी हैं। उनका कहना है कि पीएम भारत में विरोधी दलों पर तो दहाड़ते दिखते हैं। लेकिन जैसे ही चीन का नाम सामने आता है उनकी जुबान पर ताला लग जाता है। स्वामी का कहना था कि बावजूद इसके कि चीन ने हमारी हजारों वर्ग किमी जमीन पर कब्जा जमा रखा है। पीएम मोदी फिर भी उसके बारे में एक शब्द तक नहीं बोल पाते हैं।
स्वामी ने चीन के मसले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर कर रखी है। इसमें उनका आरोप है कि 4 हजार वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है। उनकी रिट पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब भी मांगा है। सरकार इस मसले पर उलझती दिखाई दे रही है।
सुब्रमण्यम स्वामी कभी जनता दल के बड़े नेता रहे थे। लेकिन फिर वो बीजेपी के पाले में आ गए। उनका कहना था कि बीजेपी की हिंदुत्ववादी नीतियों से प्रभावित होकर वो इस पार्टी में आए। उसके बाद बीजेपी ने उनको राज्यसभा की टिकट भी दी। स्वामी राज्यसभा पहुंचे भी। लेकिन जब उनका कार्यकाल पूरा हुआ तो उनको फिर से राज्यसभा भेजने में पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने कोई रुचि नहीं दिखाई। यहां तक कि उनका सरकारी आवास भी खाली कराने पर सरकार तुल गई। स्वामी घर को बचाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट तक गए पर बात नहीं बनी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर पर भी खासे तल्ख रहते हैं स्वामी
स्वामी फिलहाल पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर पर खासे हमलावर दिखते हैं। जयशंकर को वो वेटर तक कहते हैं। उनका कहना है कि विदेश मंत्री किसी काम के नहीं हैं। वो केवल अपने आकाओं की भाषा बोलते हैं। फिलहाल स्वामी पीएमओ की आंख का कांटा बने हुए हैं। ये बात भी उन्होंने कही है कि पीएमओ के कुछ अधिकारियों के इशारे पर सोशल मीडिया पर उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया जाता है।