Delhi-NCR Weather Forecast: राजधानी दिल्ली और पूरे एनसीआर (Delhi Rain) में दिसंबर की बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। शुक्रवार सुबह तड़के शुरू हुई बूंदाबांदी और रुक-रुककर हुई बारिश (Rain) के चलते एक तरफ जहां लोगों को प्रदूषण से राहत मिले है, तो दूसरी ओर तापमान में गिरावट के चलते ठंड बढ़ गई है।

शुक्रवार से लेकर शनिवार सुबह के दौरान हुई बारिश के चलते दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR News) के लोगों को न केवल स्वेटर बल्कि रेनकोट और छाता भी निकालना पड़ गया। वहीं कई इलाकों में ट्रैफिक की रफ्तार धीमी हुई तो दूसरी ओर कीचड़ की किच-किच ने लोगों को काफी परेशान किया।

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दिल्ली में इतनी बारिश क्यों?

दिसंबर के महीने में दिल्ली में बारिश होना कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार हुई बारिश साधारण से बहुत ज्यादा रही। इसके चलते ही सवाल उठे कि आखिर दिल्ली में इस बार इतनी बारिश कैसे हो गई? IMD ने बतयाा है कि दिल्ली में दिसंबर में हुई बारिश ने 101 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शुक्रवार सुबह 8:30 बजे से शनिवार सुबह 8:30 बजे तक, 24 घंटों में 41.2 मिमी बारिश हुई है।

क्या है इतनी ज्यादा बारिश की वजह?

1923 के बाद से दिसंबर में 24 घंटे में दिल्ली में सबसे ज्यादा बारिश शुक्रवार 27 दिसंबर को हुई थी, इससे पहले सबसे ज्यादा बारिश 1923 में हुई थी, उस दौरान 3 दिसंबर को 75.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। IMD के मुताबिक, इस वर्ष दिसंबर में 1997 के बाद से सबसे अधिक बारिश हुई है, जब इस महीने में 71.8 मिमी बारिश हुई थी।

दिल्ली में बारिश के चलते बढ़ी ठंड

साधारण से ज्यादा हुई है बारिश

इस साल दिसंबर में हुई ज्यादा बारिश की वजह मौसम विभाग ने सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती परिसंचरण को बताया है। इसके चलते ही पूरे उत्तर और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में वृद्धि देखी गई तथा पूरे क्षेत्र में बारिश दर्ज की गई। IMD के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में आमतौर पर महीने के दौरान आधे दिन में 8 मिमी बारिश होती है। पिछले 24 घंटों में शहर में हुई बारिश इससे पांच गुना ज़्यादा है।

मौसम वैज्ञानिक ने क्या कहा?

IMD के एक मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि एक बहुत सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और पूर्व में एक चक्रवाती परिसंचरण के बीच बातचीत, साथ ही कुछ अन्य कारकों ने इस असामान्य मौसम को जन्म दिया है। नवंबर और दिसंबर दिल्ली में दो सबसे शुष्क महीने हैं। इन महीनों के दौरान, यह आमतौर पर एक पश्चिमी विक्षोभ होता है जो राजधानी में बारिश लाता है।

मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि यह विभिन्न मौसम प्रणालियों का टकराव है जो भारी बारिश का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी के आसपास एक और पश्चिमी विक्षोभ की उम्मीद है लेकिन इससे बारिश बेहद कम ही है।

IMD ने शुक्रवार को ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया था और देर रात कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि का अनुमान भी लगाया गया था लेकिन शनिवार सुबह तक ओलावृष्टि कम हो गई। आगामी सप्ताह में दिल्ली में बारिश की कोई बड़ी चेतावनी नहीं है। दिल्ली के मौसम से संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।