देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बीजेपी संगठन की कमान किसे मिलेगी, इसका ऐलान होने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। पार्टी की ओर से चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। इसके मुताबिक, 13 दिसंबर को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अपना नामांकन भरेंगे।

राजनीतिक हलकों में ऐसा कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होगा और किसी एक नेता के द्वारा ही नामांकन किया जाएगा। ऐसी स्थिति में उसका निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय है।

यूपी बीजेपी अध्यक्ष के लिए पिछले कुछ महीनों में तमाम बड़े नामों पर चर्चा हो चुकी है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह का कार्यकाल पूरा हो चुका है।

चुनाव में बचा है एक साल का वक्त

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। 2027 की शुरुआत में पार्टी को चुनाव मैदान में जाना है और उत्तर प्रदेश न सिर्फ बीजेपी बल्कि आरएसएस के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण राज्य है। ऐसे में पार्टी की कोशिश है कि सभी जातियों, समुदायों, क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए ही प्रदेश अध्यक्ष का चयन किया जाए।

UP BJP अध्यक्ष के ऐलान की आ गई तारीख, इस दिन घोषित होगा प्रदेश संगठन का नया ‘बॉस’

आइए, आपको बताते हैं कि ऐसे कौन से सात बड़े नाम हैं जिनका नाम प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में जोर-शोर से लिया जा रहा है।

बीएल वर्मा, पंकज चौधरी के नाम पर जबरदस्त चर्चा

प्रदेश अध्यक्ष बनने वाले नेताओं में सबसे आगे बीएल वर्मा का नाम चल रहा है। बीएल वर्मा ओबीसी वर्ग से आते हैं और मोदी सरकार में मंत्री हैं। उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह का भरोसेमंद माना जाता है। कुर्मी समुदाय से आने वाले वर्मा को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी हलचल है।

इसके बाद केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का नाम चर्चा में है। पंकज चौधरी ओबीसी समुदाय के कुर्मी चेहरे के तौर पर पूर्वांचल में पहचाने जाते हैं। वह महाराजगंज लोकसभा सीट से सात बार चुनाव जीत चुके हैं।

उत्तर प्रदेश: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में कौन-कौन करेगा वोट?

केशव प्रसाद मौर्य

योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को लेकर भी उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है। 2017 में जब बीजेपी की सरकार यूपी में बनी थी तब केशव प्रसाद मौर्य ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। ओबीसी समुदाय से आने वाले केशव प्रसाद मौर्य को न सिर्फ बीजेपी बल्कि आरएसएस की भी पसंद माना जाता है। ऐसा कहा जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य के राजनीतिक अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव में कमल खिलाने की जिम्मेदारी सौंप सकती है। 

स्वतंत्र देव सिंह, साध्वी निरंजन ज्योति और दिनेश शर्मा का भी नाम

इसके बाद जबरदस्त चर्चा योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की है। स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह ओबीसी तबके से आते हैं और उनके पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके अच्छे राजनीतिक ताल्लुकात हैं।

इसके बाद चर्चा पूर्व केंद्रीय मंत्री और निषाद समुदाय से आने वालीं साध्वी निरंजन ज्योति, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह, राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा को लेकर भी है।

बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व पिछले कुछ सालों में मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष के मामले में काफी चौंकाने वाले फैसले लेता रहा है, ऐसे में देखना होगा कि पार्टी 2027 के चुनाव के मद्देनजर किस नेता को यह ताज पहनने का मौका देगी?

बीजेपी इस बात का ध्यान जरूर रखेगी कि नए प्रदेश अध्यक्ष का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बेहतर तालमेल हो क्योंकि सरकार और संगठन के बेहतर तालमेल के बिना पार्टी के लिए विधानसभा के चुनाव में जीत दर्ज करना वाकई मुश्किल होगा।

योगी की राय को तवज्जो देगी पार्टी

लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन से एनडीए को करारी शिकस्त मिल चुकी है। ऐसे में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के चयन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राय को भी पूरी तवज्जो देगी।

बहरहाल, 13 दिसंबर को पता चल जाएगा कि यूपी बीजेपी का नेतृत्व कौन करेगा?

यूपी बीजेपी अध्यक्ष: पुराना ओबीसी चेहरा या फिर किसी नए नेता को मिलेगा मौका?