Vinod Tawde Cash for Vote Controversy: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर लगे पैसे बांटने के आरोप को लेकर हंगामा मच गया है। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक इस मामले में विपक्षी दलों ने बीजेपी पर हमला बोल दिया है। चूंकि यह मामला मतदान से ठीक एक दिन पहले हुआ है इसलिए बीजेपी को इस बात का डर है कि इसका असर वोटिंग पर हो सकता है। चुनाव आयोग ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली है।
तावड़े पर बहुजन विकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि वह मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे बांट रहे थे। आरोप लगाया गया है कि विनोद तावड़े के पास जो बैग था, उसमें 5 करोड़ रुपए कैश था।
इस पूरे विवाद के बीच जानना जरूरी होगा कि आखिर विनोद तावड़े कौन हैं, पार्टी में उनका क्या कद है और वह किन-किन पदों पर काम कर चुके हैं।
पिछले दो साल में दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में होने वाली अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में तावड़े आते रहे हैं और टीवी चैनलों पर बीजेपी का एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता है। तावड़े के बारे में कहा जाता है कि उन्हें संगठन में काम करने का काफी अच्छा अनुभव है।
मुंबई के गिरगांव में हुआ था जन्म
विनोद तावड़े का जन्म 20 जुलाई, 1963 को मुंबई के गिरगांव इलाके में एक मराठी परिवार में हुआ था। उन्होंने पार्ले कॉलेज से पढ़ाई की है। विनोद तावड़े ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़कर राजनीतिक करियर शुरू किया था। वह मुंबई में एबीवीपी के प्रमुख रहे और इस दौरान उन्होंने तमाम जिम्मेदारियों को निभाया और और संगठन को भी मजबूत किया।
1995 में विनोद तावड़े को बड़ा राजनीतिक प्रमोशन मिला जब उन्हें पार्टी की महाराष्ट्र इकाई का महासचिव बनाया गया। 1999 में विनोद तावड़े मुंबई बीजेपी के सबसे युवा अध्यक्ष बने। साल 2002 में उन्हें फिर से महाराष्ट्र में पार्टी के महासचिव की जिम्मेदारी दी गई और वह लंबे वक्त तक इस पद पर बने रहे।
2008 में बीजेपी ने उन्हें महाराष्ट्र में विधान परिषद का सदस्य बनाया और 2011 में वह विधान परिषद में विपक्ष के नेता जैसे बड़े पद पर पहुंचे। तावड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम मन की बात का संयोजन भी कर चुके हैं।
महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा चुनाव में विनोद तावड़े बोरिवली विधानसभा सीट से चुनाव जीते और उन्हें तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस की सरकार में स्कूली शिक्षा और खेल सहित कई विभागों का मंत्री बनाया गया। वह अपने राजनीतिक करियर के दौरान मिल मजदूरों और किसानों की लड़ाई लड़ चुके हैं। विनोद तावड़े का नाम उन नेताओं में लिया जाता है जिन्होंने कृषि के लिए महाराष्ट्र में अलग बजट देने की मांग की थी।
बीजेपी ने दी बड़ी जिम्मेदारियां
चूंकि तावड़े विद्यार्थी परिषद से लेकर बीजेपी संगठन में लंबे वक्त तक काम कर चुके हैं और सरकार में मंत्री भी रहे इसलिए ना सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि इसके बाहर भी पार्टी उनकी क्षमताओं का इस्तेमाल करती रही है। इसी को देखते हुए पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाने के साथ ही बिहार जैसे अहम राज्य का प्रभारी बनाया था। वह हरियाणा के प्रभारी भी रह चुके हैं।
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विनोद तावड़े का टिकट काट दिया था लेकिन तब भी वह पार्टी संगठन के लिए काम करते रहे और पार्टी ने उन्हें इसका इनाम भी दिया।
विनोद तावड़े पर लगे आरोपों को लेकर निश्चित रूप से महाराष्ट्र में बीजेपी बैक फुट पर आती दिख रही है हालांकि तावड़े का कहना है कि महायुति को मिल रहे अपार समर्थन से विपक्ष हताश है और बेबुनियाद आरोप लगाकर इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। तावड़े ने कहा है कि चुनाव आयोग इस मामले में निष्पक्ष जांच करे। देखना होगा कि क्या इस घटना का कोई असर मतदान पर भी पड़ेगा?