Jharkhand New Governor: झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्यपाल बदले गए हैं। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की जगह अब संतोष गंगवार लेंगे, उनके नाम का ऐलान राष्ट्रपति भवन से कर दिया गया है। संतोष गंगवार का चुनावी दौर में झारखंड जाना अहम माना जा रहा है, क्योंकि यहां गैर-बीजेपी शासित जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन (JMM-Congress) की सरकार हैं और जेल से रिहा होने के बाद हाल ही में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने फिर से सीएम की कुर्सी संभाल ली है। ऐसे में चुनावी दौर में सियासी उठा-पटक के बीच राज्यपाल का रोल काफी अहम हैं।

साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जब संतोष गंगवार को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था, तो यह माना जाने लगा था कि पार्टी ने उन्हें साइडलाइन कर दिया है, लेकिन अब उनकी राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति बता रही है कि पार्टी ने उनके फ्यूचर की प्लानिंग पहले से ही कर रखी थी।

कौन हैं संतोष गंगवार?

संतोष गंगावर के बारे में बात करें तो वे उत्तर प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं। वे यूपी की बरेली लोकसभा सीट से 9 बार चुनावी मैदान में जीत हासिल कर चुके हैं। पहली बार वे 1989 में बीजेपी से संसद पहुंचे थे और तब से लेकर 2009 तक में लगातार 6 बार सांसद रहे, और जब 2009 में हारे तो उनकी हार का अंतर बहुत ही मामूली था।

2014 में की मोदी लहर में वापसी?

2009 में हारने के बाद बीजेपी ने उन्हें 2014 में फिर टिकट दिया और वे भारी अंतर से जीतकर फिर लोकसभा पहुंचे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत राज्यमंत्री बनाया गया और वे इस पद पर 2016 तक रहे, फिर 2017 तक वित्त राज्यमंत्री बने। इसके बाद वे 2021 तक श्रम एवं रोजगार मंत्री रहे थे। संतोष गंगवार उत्तर प्रदेश बीजेपी के कार्यसमिति के सदस्य भी रहे थे। इतना ही नहीं, 1996 में वे यूपी बीजेपी यूनिट के महासचिव भी रहे थे।

साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट न देकर बरेली सीट से छत्रपाल सिंह गंगवार को उतारा था और उन्होंने भी भारी वोटों से जीत दर्ज करते हुए सीट अपने नाम की थी। छत्रपाल सिंह गंगवार 2007 से 2012 तक बहेड़ी विधानसभा सीट से विधायक रहे थे।

कुल सात राज्यों में हुई राज्यपाल की नियुक्ति

बता दें कि राष्ट्रपति द्वारा की गई नियुक्ति में झारखंड के अलावा 6 अन्य राज्यों में भी नए राज्यपालों की नियुक्ति की गई है।

  • राजस्थान – हरिभाऊ किसनराव बागड़े
  • तेलंगाना – जिष्णु देव वर्मा
  • सिक्किम – ओम प्रकाश माथुर
  • छत्तीसगढ़ – रनमन डेका
  • मेघालय – सीएच विजयशंकर
  • महाराष्ट्र – सीपी राधाकृष्णन
  • पंजाब – गुलाब चंद्र कटारिया
  • असम और मणिपुर – लक्ष्मण प्रसाद आचार्य