Mumbai North Central Lok Sabha Seat: भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन का कभी राजनीति में डंका बजता था। उनके बारे में कहा जाता था कि वो वित्तीय बंदोवस्त से लेकर विरोधियों के साथ तालमेल बनाने का हुनर रखते थे। ऐसा हुनर पार्टी के अन्य किसी नेता के पास नहीं था।
भारतीय जनता पार्टी का महाराष्ट्र में विस्तार प्रमोद और उनके बहनोई गोपीनाथ मुंडे ने ही किया था। प्रमोद महाजन ब्राह्मण थे, जबकि उनके बहनोई गोपीनाथ मुंडे ओबीसी से समुदाय से आते थे।
महाराष्ट्र की पहली शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में मुंडे उपमुख्यमंत्री थे, लेकिन प्रमोद महाजन की मई 2006 में उनके छोटे भाई ने ही हत्या कर दी।
प्रमोद महाजन की मौत के बाद बीजेपी ने उनके बेटे राहुल महाजन को पिता की सियासी विरासत सौंपने का फैसला किया, लेकिन राहुल की राजनीति में रुचि नहीं थी। लिहाजा उनकी बहन पूनम महाजन को उतारा गया।
पूनम महाजन 2009 में पहली बार घाटकोपर वेस्ट से चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। 2014 में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से उन्होंने कांग्रेस की प्रिया दत्त को हराया। 2019 लोकसभा चुनाव में भी पूनम महाजन ने जीत दर्ज की।
पूनम ट्रेन्ड पायलट हैं। उन्होंने इसकी ट्रेनिंग अमेरिका के टेक्सास से ली है। उनके पास 300 घंटे फ्लाइंग का अनुभव है। ब्राइटन स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट से बीटेक की डिग्री 2012 में पूरी की थी।
वहीं, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट पर किसी भी पार्टी का दबदबा नहीं रहा है। यहां कभी बीजेपी जीती तो कभी कांग्रेस ने जीत हासिल की। शिवसेना और आरपीआई के उम्मीदवार भी यहां से जीतने में सफल रहे।
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट से पूनम महाजन ने बाजी मारी थी। उन्होंने कांग्रेस नेता प्रिया दत्त को मात दी थी। एक ओर पूनम महाजन को जहां 4,86,672 वोट मिले थे, वहीं प्रिया दत्त को 3,56,667 वोट मिले थे।
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट 2014 में भाजपा की पूनम महाजन जीतीं तो 2009 में कांग्रेस से सुनील दत्त की बेटी प्रिया दत्त ने बाजी मारी, प्रिया दत्त ने बीजेपी के महेश राम जेठमलानी को हराया था। जबकि 2004 में इस सीट पर एकनाथ गायकवाड़, 1999 में शिवसेना के मनोहर जोशी तो 1998 में आरपीआई के रामदास अठावले ने कब्जा जमाया था।
1996 में शिवसेना के नारायण अठावले तो 1991 में कांग्रेस के शरद दिघे को जीत मिली। 1989 में शिवसेना के विद्याधर गोखले ने बहुत कम मार्जिन से कांग्रेस उम्मीदवार को हराया तो 1984 में कांग्रेस के शरद दिघे को यहां से जीत मिली थी।
1980 में जनता पार्टी की प्रमिला मधु दंडवते ने कांग्रेस उम्मीदवार को मात दी तो वहीं 1977 में इस सीट पर सीपीआई (एम) की अहिल्या रांगेकर ने जीत दर्ज की।