Gujarat UCC Committee: गुजरात सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए एक नई समिति का गठन किया है। इस पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। इससे पहले, उन्होंने उत्तराखंड में यूसीसी मसौदा समिति की अध्यक्षता की थी। गुजरात सरकार की इस पहल को देश में समान कानून लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को इस समिति की घोषणा करते हुए कहा, “भारतीयता हमारा धर्म है और संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम पूरे देश में समान अधिकारों को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।“
समिति में कौन-कौन हैं शामिल?
इस पैनल में जस्टिस देसाई के अलावा चार अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया है—
- सीएल मीना: सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी
- आरसी कोडेकर: वरिष्ठ अधिवक्ता
- दक्षेश ठाकर: शिक्षाविद
- गीताबेन श्रॉफ: सामाजिक कार्यकर्ता
इस समिति का मुख्य उद्देश्य गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विस्तृत मसौदा तैयार करना है।
कौन हैं जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई?
जस्टिस देसाई भारतीय न्यायिक व्यवस्था की एक प्रतिष्ठित शख्सियत हैं। उनका कानूनी सफर 1970 के दशक में मुंबई से शुरू हुआ। उन्होंने एलफिंस्टन कॉलेज से स्नातक करने के बाद मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एससी प्रताप के जूनियर के रूप में काम किया और बाद में कई महत्वपूर्ण मामलों में सरकारी वकील के रूप में पेश हुईं।
1979 में वे बॉम्बे हाईकोर्ट में सरकारी वकील नियुक्त हुईं। इसके बाद निवारक निरोध मामलों की विशेष लोक अभियोजक बनीं। उनके कानूनी कौशल और निष्पक्षता को देखते हुए 1996 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया। फिर 2011 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया।
रिटायरमेंट के बाद भी सक्रिय भूमिका
सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद भी जस्टिस देसाई न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों में सक्रिय बनी रहीं। 2014 में उन्हें बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2018 में वह अग्रिम निर्णय प्राधिकरण की अध्यक्ष बनीं। इसके अलावा, उन्होंने परिसीमन आयोग का नेतृत्व किया, जिसने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन का कार्य किया। उनकी अध्यक्षता में सात नई विधानसभा सीटें बनाई गईं, जिससे सीटों की कुल संख्या 90 हो गई।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने लोकपाल चयन समिति की सर्च कमेटी का भी नेतृत्व किया, जिसने लोकपाल के लिए नामों की सिफारिश की।
उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने वाली पहली राज्य सरकार
उत्तराखंड सरकार ने पिछले हफ्ते ही समान नागरिक संहिता को लागू करने का ऐलान किया। यह निर्णय उत्तराखंड में जस्टिस देसाई के नेतृत्व वाली समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपने के एक साल बाद आया। उत्तराखंड के बाद अब गुजरात भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। जस्टिस देसाई की अगुवाई में गुजरात सरकार की यह समिति राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए ठोस कानूनी आधार तैयार करेगी।