महाराष्ट्र में मिलिंद देवड़ा के बाद कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लग सकता है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और तीन बार विधायक रहे बाबा सिद्दीकी अगले हफ्ते एनसीपी के अजित पवार गुट में शामिल हो सकते हैं। एनसीपी नेताओं ने इसकी पुष्टि भी की है। हालांकि सिद्दीकी की तरफ से इस पर अभी कोई बयान सामने नहीं आया है।
बाबा सिद्दीकी का जाना मिलिंद देवड़ा के इस्तीफा देने और शिवसेना के एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल होने के बाद कांग्रेस के लिए एक और झटका है।गुरुवार को बाबा सिद्दीकी और उनके विधायक बेटे जीशान ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार से मुलाकात की और अपनी अगली रणनीति पर चर्चा की।
2017 से जांच एजेंसी के रडार पर हैं बाबा सिद्दीकी
बाबा सिद्दीकी का अजित पवार गुट में शामिल होना इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि भाजपा द्वारा पूर्व मंत्री नवाब मलिक को मुख्यधारा की एनसीपी में शामिल करने के बाद पार्टी को मुंबई में एक मुस्लिम चेहरे की आवश्यकता है। बाबा सिद्दीकी 2017 से जांच एजेंसी के रडार पर हैं। मई 2017 में, ईडी ने झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) घोटाले के सिलसिले में बाबा सिद्दीकी और अन्य के विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली थी। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने 2018 में उनकी करीब 462 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी।
कौन हैं बाबा सिद्दीकी?
बाबा सिद्दीकी बांद्रा (वांड्रे) पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक हैं। वह खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री के साथ-साथ महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण के मुंबई डिवीजन के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने एक छात्र नेता के रूप में शुरुआत की और पहली बार बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में पार्षद के रूप में चुने गए। बाद में, वह 1999, 2004 और 2009 में बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए। 2014 के विधानसभा चुनाव में बाबा सिद्दीकी मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार से हार गए थे।
बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी वैसे तो बिहार के पटना के रहने वाले हैं, लेकिन पॉलिटिक्स में धमक मुंबई में मानी जाती है। मुंबई में उनकी इफ्तार पार्टी काफी फेमस है जिसमें राजनीति से लेकर फिल्म जगत की तमाम बड़ी हस्तियां शिरकत करती हैं। वे पटना में भी इफ्तार पार्टी करते हैं। बाबा सिद्दीकी की बेटी अर्शिया सिद्दीकी डॉक्टर हैं जबकि पत्नी शहजीन हाउस वाइफ हैं।