वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि भारत कभी भी असहिष्णु नहीं हो सकता है और विपक्षियों को राजनीतिक लड़ाई राजनीतिक तौर से लड़नी चाहिए। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए पूछा कि ‘‘असहिष्णुता कहां है?’’ गौमांस विवाद समेत हाल की कुछ घटनाओं को विसंगति बताते हुए जेटली ने कहा कि पुरस्कार लौटाने को उचित नहीं ठहराया जा सकता और राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। भारत पूरी तरह से उदार लोकतंत्र और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध है।
असहिष्णुता पर फिल्म अभिनेता शाहरुख खान की बात पर जेटली ने कहा, ”इस देश में कोई यह कहने को तैयार नहीं है कि असहिष्णुता नहीं होनी चाहिए। इसमें क्या गलत है कि अगर कोई कहता हो कि देश में असहिष्णुता नहीं होनी चाहिए। हालांकि, जेटली ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी के बयान पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि वे किसी की निजी राय का जवाब देना जरूरी नहीं समझते हैं। उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा के उस बयान पर भी टिप्पणी करने से इनकार किया कि जेटली दिल्ली में भाजपा की हार के लिए जिम्मेदार थे और अगर भाजपा बिहार में हारती है, तब अमित शाह को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘सौहार्द्र का माहौल है। यह देश कभी भी असहिष्णु नहीं रहा और कभी होगा भी नहीं।’’ जेटली से कांग्रेस के नेताओं द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने के लिए विरोध मार्च निकालने और इस मुद्दे पर वामपंथी बुद्धिजीवियों द्वारा सेमिनार आयोजित करने के बारे में पूछा गया था। जेटली ने कहा, ‘‘ असहिष्णुता कहां है? हम विविधतापूर्ण लोकतंत्र हैं। बातें करने से माहौल में बदलाव नहीं आएगा। अगर एक घटना कर्नाटक में घटती है जो कांग्रेस शासित है, तब वहां होने वाले हमलों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
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