कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। ऐसे में दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बीमारी से निपटने के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। इस बीच यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के संभावित COVID-19 वैक्सीन को साल के अंत तक आने की बात कही है। हालांकि उनका कहना है कि यह निश्चित नहीं है कि साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन बनकर तैयार ही हो जाएगी।
मंगलवार को वैक्सीन के प्रमुख डेवलपर सारा गिल्बर्ट ने बीबीसी रेडियो से बातचीत के दौरान कहा कि अभी इस वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल में सफल होने की प्रक्रिया बाकी है। तीसरे चरण में सफल होने के बाद इसकी लाइसेंसिंग और आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए नियामकों की मंजूरी जैसी कई प्रक्रियाएं पूरी करनी होगी। ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में इस वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है और संयुक्त राज्य अमेरिका में यह परीक्षण शुरू होने वाला है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर जॉन बेल ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि हम पर्याप्त लोगों को जिन्हें कोरोना वायरस है उन्हें यह वैक्सीन लगाएंगे जिससे की हम वास्तव में इस बीमारी से बचाव और सुरक्षित रहने के बारे में कुछ उचित अनुमान लगा सकें।
बता दें कि ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनायी जा रही कोरोना वैक्सीन अभी तक के ट्रायल में सबसे ज्यादा असरकारक साबित हुई है। वैक्सीन के नतीजे चौंकाने वाले बताए जा रहे हैं और इससे कोरोना से बचाव के साथ ही शरीर की रोगों से लड़ने वाली प्रतिरोधक क्षमता में भी बेहतरी देखी गई है।
इस वैक्सीन को प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा AstraZeneca Plc कंपनी द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस वैक्सीन की सबसे अच्छी बात ये है कि यह व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज की मात्रा को बढ़ा देती है। साथ ही यह इंसानी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के लिए महत्वपूर्ण T-Cells की संख्या को भी बढ़ा देती है।