भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी सक्रिय रहते हैं। स्वामी कई बार अपने जवाबों से दूसरों की बोलती बंद कर देते हैं। एक बार जब एक अमेरिकी नागरिक ने भगवद गीता पर सवाल उठाया तो भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने जवाब से उसे चुप करा दिया। स्वामी ने यह वाकया अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि एक अमेरिकी नागरिक ने हाल ही में मुझसे पूछा कि भगवद गीता में लोकतंत्र की वकालत कहां की गई है। मैंने उसे अध्याय18 श्लोक 63 पढ़ने के लिए कहा, जिसमें “येथेच्छ्सि थाथा कुरु” वाला मंत्र लिखा गया है। इसके बाद उसने वापस मुझसे कुछ कहा ही नहीं। शायद वह इसलिए डरकर वापस नहीं आया क्योंकि उसे लगा कि मैं ये पूछ सकता हूं कि क्या बाइबिल या कुरान भी ऐसा ही कुछ कहता है।
सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट पर कई लोगों की प्रतिक्रिया भी देखने को मिली। ट्विटर हैंडल @MrCool40168041 ने लिखा कि कुरान एक धार्मिक किताब है, कोई राजनीतिक किताब नहीं है। आप एक ऐसे राजा का नाम बताइए जिसने भगवद गीता पढ़ी और लोकतंत्र की स्थापना के लिए भारत के बाहर भी विजय प्राप्त की। ट्विटर यूजर के इस ट्वीट पर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी जवाब दिया। स्वामी ने जवाब देते हुए लिखा कि रानी इंदिरा ने 1 करोड़ शरणार्थियों को वापस भेजने के लिए बांग्लादेश में यह किया।
An American recently asked me where in Bhagwat Gita is democracy advocated. I asked him to read Chapter 18 Sloka 63–“…Yethechhsi thatha Kuru”. The American never came back perhaps out of fear that I might ask him if Bible or Koran says anything similar.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 9, 2021
इसके अलावा पकंज कौशिक नाम के भी एक ट्विटर यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि सर यह तो ठीक है लेकिन तुलना ख़राब है। मेरा धर्म तेरे से बेहतर की वजह से ही दुख, युद्ध, धर्मांतरण जैसी समस्याएं सामने आई हैं। धर्म बहुत ही निजी मामला है। ट्विटर हैंडल @C0Bron ने भी लिखा कि आपके यहां एक बड़ी आबादी रहती है जो दूसरे किताबों को पढ़ती है और उसका अनुसरण करती है। इसलिए आपको उन पुस्तकों में लिखी गई बातों को भी जानना चाहिए।
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट का समर्थन करते हुए भी अपनी प्रतिक्रिया दी। ट्विटर यूजर @das_srd ने लिखा कि संघ परिवार के कुछ सदस्य ही भगवद गीता को पढ़ते हैं और समझते हैं। भगवत गीता मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से सुख और समृद्धि का मार्ग है। वहीं ट्विटर यूजर @smpathi ने लिखा कि हमारे महाकाव्यों में कई सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में लिखा गया है लेकिन हमने दूसरों की तरह उन्हें प्रचारित करने के लिए कदम नहीं उठाए हैं। यह हमारा दोष है।