राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव शुरुआत से ही अपने बेबाक और मजाकिया अंदाज में दिए गए जवाबों के लिए चर्चित रहे हैं। हर मुद्दे पर उनकी यह क्षमता लोगों को मुस्कुराने पर मजबूर कर देती है। ऐसा ही एक मौका आज से छह साल पहले तब आया था, जब एक न्यूज चैनल ने लालू को एनडीए-1 के एक साल पूरे होने के मौके पर चर्चा के लिए बुलाया था। दरअसल, इस मौके पर एंकर ने लालू से बिहार चुनाव को लेकर सवाल पूछ दिए थे। हालांकि, लालू ने एंकर पर तंज कसते हुए कहा था कि फिलहाल ‘अच्छे दिन’ पर बात हो रही है, उस पर की जाए। बिहार पर बातचीत के लिए दूसरी दुकान लगानी चाहिए।
क्या था एंकर का सवाल?: आजतक के एंकर राजदीप सरदेसाई ने शो में लालू से पूछा था- “बिहार में इस साल नवंबर के महीने में चुनाव होने जा रहे हैं। सबकी निगाहें एक बात पर हैं, क्या आप और नीतिश जी साथ आएंगे और मोदीजी और भाजपा के सामने आप एक यूनाइडेट अपोजिशन रखेंगे। अभी तक यह पता नहीं है कि जनता परिवार का मर्जर होने वाला है या नहीं।”
जवाब में लालू प्रसाद यादव ने मजा लेते हुए कहा, “आप बुलाए थे कि केंद्र सरकार का एक साल की उपलब्धि पर क्या वक्तव्य देना है। आप बात को डाइल्यूट मत करो। आप चलो बिहार का बात बिहार में पूछो चलकर।” इस पर राजदीप ने कहा कि मेरा सवाल था कि क्या अच्छे दिन आएंगे? अच्छे दिन विपक्ष के लिए तभी आएंगे, जब वह एकजुट हो जाए। क्या आप एकजुट होने वाले हैं या नहीं?
इस पर लालू ने कहा कि अच्छे दिन मोदी सरकार में चले गए ‘कौन दिन’ में। बहुत बात मैं बोलना नहीं चाहता। बिहार का मामला बिहार में पूछो, अलग लगाओ दुकान। यहां दूसरा दुकान लगेगा।” लालू के इस तंज पर ऑडियंस में ठहाके लगने लगे।
एंकर बोले- मोदी को क्या सलाह देंगे, लालू बोले- टेकऑफ तो करने दो: इसके बाद एंकर ने पूछा कि आज आप नरेंद्र मोदी को सलाह देना चाहें, या उनकी सरकार को कोई सलाह देना चाहें, क्योंकि वो आपकी बेटी की शादी में आए थे और वो वहां हीरो नंबर वन की तरह थे। आप नब्ज पकड़ना जानते हैं, अगर आज आप उन्हें उनके एक साल पूरे होने पर कोई सलाह देना चाहें, तो क्या होगी।
इस पर लालू ने कहा, “अभी तो ये सरकार टेकऑफ भी नहीं किया है। अभी तो दुनिया में ये परिक्रमा कर रहे हैं। ऐसा परिक्रमा कर रहे हैं कि धरती हिलने लगा। भूकंप आ रहा है लोग घर छोड़-छोड़कर भाग रहे हैं। इन्हें घूमने दीजिए। घूम कर आ गए तो इनका पतन शुरू हो गया। आपको मैंडेट मिला है तो आप काम कीजिए। नौजवानों को नौकरी क्यों नहीं दिया? किसानों की जमीन पर खतरनाक बिल क्यों लाए?”