चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम आईडिया एक्सचेंज में बताया था कि वो बीजेपी से क्यों खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि बीजेपी सरकार लोगों के वोट से ज्यादा चाहती है। वो चाहती है कि वह क्या पहनते हैं, क्या खाते हैं यह भी, वही तय करें।

प्रशांत किशोर ने कहा कि राजनीतिक दलों का अधिकार है कि वो लोगों का वोट लें लेकिन ये लोग बस वहीं नहीं रूक जाते हैं। ये लोगों के दिमाग पर पूरा कंट्रोल चाहते हैं। वोट के अलावा भी सब कुछ चाहते हैं। आप जीतना चाहते हैं ये ठीक है, लेकिन अगर आप विपक्ष को खत्म करना चाहते हैं तो ये गलत है। आप अपने कार्यों को लोगों को बताना चाहते हैं तो ये अच्छी बात है लेकिन अगर आप कहेंगे कि पिछले 70 साल में कुछ नहीं हुआ तो यह गलत है।

वो अपना 10 साल भी उसमें जोड़ देते हैं। । इनसे पहले भी कई राजनीतिक दलों ने जीत दर्ज की है लेकिन किसी ने भी नहीं कहा था कि विपक्ष को खत्म कर दो। ये एक बड़ी समस्या है। उनका कहना था कि ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई सरकार लोगों को बता रही है कि उन्हें क्या खाना चाहिए। कैसे कपड़े पहनने चाहिए।

धर्म को लेकर लोगों से सवाल पूछे जा रहे हैं। बकौल प्रशात, सरकार का इस तरह के सवालों में उलझना सरासर गलत है। संविधान लोगों को अपने तरह से जीवन जीने का अधिकार देता है।

बंगाल चुनाव परिणाम से पहले हुए उस कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कहा था कि  बीजेपी बंगाल को जीतने में पूरा जोर लगा रही है। उसे पता है कि अगर यहां हार गए तो आगे बहुत मुश्किल होगी। इसी वजह से सारा जोर लगाया जा रहा है। उनका कहना था कि बंगाल में बीजेपी जीती तो विपक्ष का सफाया करने में देर नहीं लगाएगी। उसके बाद इनका देश में एकछत्र राज हो जाएगा।