बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का बचाव किया है। उन्होने इस बात को दुष्प्रचार बताया है कि 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में सुश्री मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने में मदद की थी। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि जब 2018 में ही भाजपा ने उनकी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था तो फिर उन्होंने कैसे मदद की?
स्वामी ने ट्वीट किया है कि यह दुष्प्रचार है (झूठी खबर गलत जानकारी का निर्दोष प्रचार है, लेकिन दुष्प्रचार शरारती है) यह कहना गलत है कि 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में सुश्री मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने में मदद की थी। 2018 में ही भाजपा ने उनकी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इस तरह सुश्री मुफ्ती ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर यह कैसे?
बताते चलें कि इससे पहले भी उन्होंने महबूबा मुफ्ती को मुख्यमंत्री बनाने के लिए बीजेपी से माफी मांगने की मांग की थी। उन्होंने ट्वीट किया था कि , “महबूबा मुफ्ती को भाजपा-पीडीपी गठबंधन का जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री किसने बनाया था? वह अब जो राष्ट्र विरोधी बकवास कह रही है, उससे मैं यह मांग करता हूं कि जिसने भी यह निर्णय लिया था, उसे इस हिमालयी भूल के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।”
बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने हाल ही में अफगानिस्तान के मुद्दे पर विवादित बयान दिया था। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र से अफगानिस्तान से सबक लेने के लिए कहा, जहां तालिबान ने सत्ता पर कब्जा कर लिया और अमेरिका को भागने पर मजबूर किया। महबूबा मुफ्ती ने साथ ही सरकार से जम्मू-कश्मीर में बातचीत करने और 2019 में रद्द किए गए विशेष दर्जे को वापस करने का आग्रह किया।
महबूबा की टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन पर केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खोने के बाद ‘‘घृणा की राजनीति’’ में लिप्त होने का आरोप लगाया और कहा कि जो कोई भी भारत के खिलाफ साजिश करेगा उसे नष्ट कर दिया जाएगा।