इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह के तेवर आदिपुरुष फिल्म को लेकर खासे तल्ख हैं। डबल बेंच ने फिल्म के मेकर्स को निजी तौर पर कोर्ट में पेश होने का हुक्म दिया है। लेकिन निर्माता उनके फैसले को सुनकर ही सहम गए। वो सीधा सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पास गए और कहा कि हाईकोर्ट उनको पेशी पर बुला रहा है लिहाजा वो इस मामले की तत्काल प्रभाव से सुनवाई करें।

सीजेआई संवैधानिक बेंच की सुनवाई शुरू करने जा रहे थे। उसी दौरान आदिपुरुष के मेकर्स के वकील ने उनके सामने फरियाद रखी। सीजेआई ने उनकी बात को फौरी तौर पर सुना और फिर बोले कि आज नहीं। वो कल आकर अपने मामले के बारे में उनके सामने अपील कर सकते हैं।

हाईकोर्ट की डबल बेंच ने फिल्म को लेकर दिखाई थी नाराजगी

जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह ने पिछली सुनवाई के दौरान फिल्म के निर्माताओं पर खासी तल्ख टिप्पणी की थीं। उनका कहना था कि फिल्म में राम, सीता और हनुमान को दिखाया गया है। लेकिन अपना पल्ला झाड़ने के लिए मेकर्स ने डिसक्लेमर दे दिया कि ये काल्पनिक कथा है। उनका सवाल था कि आप लोग (निर्माता) क्या देश के लोगों को बेवकूफ समझते हैं।

अदालत ने कहा था- कुरान के बारे में गलत करके दिखाओ

हाईकोर्ट का कहना था कि अगर कुरान के बारे में किसी ने बेसिरपैर की डाक्यूमेंट्री बनाई होती तो परिणाम तुरंत देखने को मिल जाता। हिंदू सहिष्णु हैं। वो तोड़फोड़ नहीं करते तो आप उनकी भावनाओं से खेलने लग जाते हैं। कोर्ट का कहना था कि रामायण और रामचरित मानस के पात्रों की लोग पूजा करते हैं। वो घर से निकलने से पहले उनका मनन करते हैं। लेकिन आदिपुरुष में भगवान का भी मजाक बनाकर रख दिया गया। हाईकोर्ट ने फिल्म के मेकर्स को निजी पेशी पर बुलाया था। लेकिन मेकर्स को लगा कि हाईकोर्ट सख्त कदम भी उठा सकता है तो वो सीधा सीजेआई के पास पहुंच गए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट कुलदीप तिवारी व नवीन धवन की ओर से फिल्म को प्रतिबंधित करने का अनुरोध करने वाली दो अलग अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। लखनऊ बेंच ने आदिपुरुष के निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार, संवाद लेखक मनोज मुंतशिर उर्फ मनोज शुक्ला को 27 जुलाई को अदालत के समक्ष पेश होने और केंद्र सरकार को फिल्म पर अपने विचार पेश करने के लिए एक समिति के गठन का निर्देश दिया था। 

ध्यान रहे कि आदिपुरुष की रिलीज के बाद हिंदुओं को धक्का लगा है। जिस तरह से फिल्म में राम, सीता और भगवान हनुमान जी को दिखाया गया है उससे हिंदू आहत हैं। कुछ जगहों पर तो लोगों ने विरोध स्वरूप फिल्म की स्क्रीनिंग तक बंद करा दी थी। फिलहाल ये मामला हाईकोर्ट में है।