कांग्रेस ने कई भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की कथित जासूसी के मामले को लेकर शनिवार (02 नवंबर) को नरेंद्र मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा है। पार्टी ने आरोप लगाया कि ‘बेईमान सरकार’ ने इस मामले से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। मोदी सरकार पर यह आरोप लगा है कि इजरायली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ का इस्तेमाल कर भारतीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी की है। इससे पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले को लेकर मोदी सरकार घेरा था। वहीं केंद्र सरकार ने इस पर जवाब देते हुए आरोपों को गतल ठहराया है। बता दें कि व्हाट्सऐप ने इजरायली स्पाईवेयर कंपनी पर मुकदमा भी दर्ज किया है।

क्या कहा सुरजेवाला नेः मामले में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘बेईमान भाजपा सरकार ने जासूसी मामले पर वाजिब सवालों के जवाब देने से इनकार किया।’ उन्होंने सवाल करते हुए पूछा, ‘भारत सरकार में किसने स्पाइवेयर की खरीदारी की? प्रधानमंत्री या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार में से किसने इसकी खरीद की इजाजत दी?’ सुरजेवाला ने यह भी पूछा, ‘अगर फेसबुक ने मई, 2019 में सरकार को सूचित किया तो सरकार खामोश क्यों रही? जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?’

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वॉट्सऐप ने साफ नहीं किया पीड़ितों का नामः गौरतलब है कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने कहा है कि इजराइल के स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए विश्व स्तर पर जासूसी की गई है। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। हालांकि वॉट्सऐप ने यह साफ नहीं किया की इसके पीड़ित कौन कौन से लोग हुए हैं।

कांग्रेस ने साधा मोदी सरकार पर निशानाः वहीं इस मामले में राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा था। उन्होंने घेरते हुए कहा था कि सरकार को भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की कथित जासूसी के मामले में वॉट्सऐप से सवाल करना वैसा ही है जैसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से यह पूछना कि राफेल विमान सौदे में किसने पैसे बनाए हैं। राहुल के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले में सरकार पर हमला बोला है। वहीं गृह मंत्रालय ने इन आरोपों को भारत की छवि खराब करने की एक कोशिश भी बताई है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा किया गया है तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।