वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश किया। उसके बाद राष्ट्रपति ने बजट पर अभिभाषण दिया जिसके बाद संसद में विभिन्न दल के नेताओं ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी पार्टी का स्टैंड रखा। देश में बजट पेश होने के बाद बेरोजगारी और निजीकरण को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

इसी क्रम में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा राज्यसभा में बोल रहे थे। रिपुन बोरा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पिछले 7 सालों में नरेंद्र मोदी सरकार ने एक भी सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम नहीं बनाया। राज्य सभा में बोलते हुए कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा कि, “एक शिकायत हमेशा की जाती है हमसे कि 70 वर्ष आपने क्या किया? 70 वर्ष हमने कुछ नहीं किया लेकिन बीजेपी ने क्या किया, इसको हम अपने एक गांव की कहावत के माध्यम से बताते हैं। हमारे गांव में एक कहावत है कि एक बाप का जो निकम्मा बेटा होता है, कुछ आमदनी नहीं कर पाता तो बाप की सारी प्रॉपर्टी बेंचता है। जब सारी प्रॉपर्टी बेंच देता है, उसके पास कुछ नहीं बचता तब आरोप लगाता है कि मेरे बाप ने मेरे को क्या दिया? यही हाल इनका है।”

इसके बाद आगे बोलते हुए रिपुन बोरा ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 33 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बनाए लेकिन एक का भी निजीकरण नहीं किया। लाल बहादुर शास्त्री ने पांच सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बनाए लेकिन एक का भी निजी करण नहीं किया। इंदिरा गांधी ने 66, मोराजी देसाई ने 9 , राजीव गांधी ने 16, वीपी सिंह ने 2, नरसिम्हा राव ने 14 , आई के गुजराल और एचडी देवगौड़ा ने तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बनाए लेकिन एक का भी निजीकरण नहीं किया।

रिपुन बोरा ने आगे कहा कि अटल बिहारी बाजपेई ने 17 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बनाएं और 7 का निजीकरण किया। उसके बाद मनमोहन सिंह ने 23 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बनाएं लेकिन केवल तीन का निजीकरण किया।

रिपुन बोरा ने आगे पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि, “इसके बाद विश्वगुरु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएं और उन्होंने 8 साल में एक भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नहीं बनाएं। लेकिन उन्होंने 23 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम का निजीकरण किया।” कांग्रेस सांसद के इस भाषण पर विपक्ष के सांसदों ने खूब तालियां बजाई और सोशल मीडिया पर शेयर किया।

कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा के भाषण को पत्रकारों ने भी शेयर किया। इसी क्रम में पूर्व पत्रकार विनोद कापड़ी ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि, “देश से प्यार है तो संसद में दिए गए इस भाषण के अंतिम 18 सेकेंड सुनने ज़रूरी हैं।”