West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल पुलिस ने इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी को उनके निर्वाचन क्षेत्र भांगर जाने से रोक दिया। पुलिस ने सिद्दीकी के रोके जाने के पीछे सुरक्षा कारणों से निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया। बता दें, भांगर, पंचायत चुनाव से पहले और बाद में हिंसा की वजह से काफी चर्चा में रहा है।

विधायक नौशाद सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि उन्हें शुक्रवार को उनके निर्वाचन क्षेत्र (हिंसा प्रभावित भांगर) में प्रवेश करने से रोका गया। सिद्दीकी ने दावा किया कि जब वह दक्षिण 24 परगना के भांगर जा रहे थे तो कोलकाता पुलिस ने न्यूटाउन में हातीशाला के पास उनकी कार को रोक दिया।
हालांकि, पुलिस ने बताया कि हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों के मद्देनजर भांगर में धारा 144 लागू की गई है। इस वजह से सिद्दीकी से क्षेत्र का दौरा न करने का अनुरोध किया गया है।

नौशाद सिद्दीकी की पुलिस से बहस

सिद्दीकी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे उनकी कार रोकी गई। सात घंटे से अधिक समय तक वाहन के अंदर बैठने के बाद वह यह कहकर फुरफुरा शरीफ वापस चले गए कि वह शनिवार को लौटेंगे और भांगर का दौरा करेंगे। नौशाद ने एक पुलिस अधिकारी से कहा, ‘मैं भांगर का प्रतिनिधि हूं। मेरे पास एक पहचान पत्र है। मैं क्यों नहीं जा सकता?” पुलिस अधिकारी ने जवाब में कहा, ‘धारा 144 लागू है, इसलिए उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं है।’

नौशाद ने मीडियाकर्मियों से कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता घूम रहे हैं, लेकिन मैं विधायक हूं और मुझे जाने की इजाजत नहीं है। यह एक राजनीतिक साजिश है। मुझे इस तरह हिरासत में नहीं लिया जा सकता। विधायक ने आगे कहा कि देखते हैं वे मुझे कब तक रोक पाते हैं। मैं शांति का संदेश लेकर आया हूं।

नौशाद ने कहा कि केंद्रीय बलों द्वारा गहन तलाशी ली जानी चाहिए। अगर राज्य चुनाव आयोग ज्यादा सक्रिय होता तो इतनी मौतें नहीं होती। उन्होंने कहा कि मैं कुछ मृतकों के परिवारों से मिला।

इस पूरे मामले पर तृणमूल विधायक शौकत मोल्ला ने कहा कि धारा 144 लागू है। हममें से कोई भी उस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकता है। सिद्दीकी ने कहा कि उनके अधिकारों पर गैरकानूनी तरीके से रोक लगाई जा रही है। वह कानूनी विकल्प पर विचार करेंगे। इस घटना की शिकायत के लिए उन्होंने राज्यपाल से भी मिलने का समय मांगा है।

भांगर में पंचायत चुनाव संबंधी हिंसा में छह लोगों की मौत हुई है। इसमें मंगलवार रात भांगर में मतगणना केंद्र के बाहर भड़की हिंसा में दो आईएसएफ कार्यकर्ताओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। कोलकाता से करीब 30 किलोमीटर दूर भांगर में आईएसएफ और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं। बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के अलावा ISF ही एक ऐसी पार्टी है जो विधानसभा में प्रतिनिधित्व करती है।