Raj Bhavan Rename: एक के बाद एक प्रदेशों की राजधानियों में राज भवनों के नाम बदले जा रहे हैं। अब इन्हें राज भवन की जगह लोक भवन के नाम से जाना जाएगा। उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में राजभवनों का नाम पहले ही बदला जा चुका है। यह घोषणाएं ज्यादातर राज्यपालों द्वारा सोशल मीडिया पर की गई है।

लोक भवन, कोलकाता सोशल मीडिया से एक पोस्ट में कहा गया, “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवर्तनकारी और प्रेरणादायक नेतृत्व के अनुरूप, जिसने विकसित भारत की ओर बढ़ते शानदार मार्च में समाज के सभी वर्गों के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की है, गृह मंत्रालय द्वारा 25 नवंबर, 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, देश भर के राजभवनों और राज निवासों का नाम बदलकर क्रमशः लोक भवन और लोक निवास करने का निर्णय लिया गया है।”

पीएम मोदी की जनसेवा की सोच का हिस्सा

भाजपा सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि यह प्रधानमंत्री मोदी की जनसेवा की सोच का हिस्सा है। यह पूरा प्रोसेस प्रधानमंत्री के पते का नाम बदलने से शुरू हुआ था। पहले, प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास 7 रेसकोर्स रोड था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के दो साल बाद, इसका नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया।

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नाम बदलने का मतलब मानसिकता में बदलाव भी है- बीजेपी नेता

केंद्रीय सचिवालय में कई अलग-अलग भवन हैं। यहां पर मंत्रालयों को स्थानांतरित किया जा रहा है। इसको अब कर्तव्य भवन के नाम से जाना जाएगा। एक भाजपा नेता ने कहा कि ये बदलाव भले ही प्रतीकात्मक लगें, लेकिन गहराई से जांच करने पर एक बड़ा वैचारिक बदलाव नजर आता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय लोकतंत्र अब सत्ता से ज्यादा जिम्मेदारी और पद से ज्यादा सेवा को महत्व देता है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने का मतलब मानसिकता में बदलाव भी है, क्योंकि संस्थाएं बोलती हैं।

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