पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) से इस्तीफा देने के बाद पश्चिम बंगाल के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए। गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में उन्होंने मिदनापुर में एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया। शुभेंदु ने इस दौरान शाह के साथ हुई अपनी पहली मीटिंग को भी याद किया। उन्होंने कहा कि शाह से पहली बार उनकी मुलाक़ात सिद्धार्थनाथ सिंह के जरिए 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान हुई थी। बता दें कि सिंह इस समय उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं।

शुभेंदु ने आगे कहा कि इससे पहले मुझे कभी भी भाजपा में शामिल होने को नहीं कहा गया। साथ ही उन्होंने बताया कि जब वे कोरोना संक्रमित हो गए थे तो अमित शाह ने उन्हें दो बार फ़ोन कर उनका हाल चाल पूछा था जबकि तृणमूल के नेताओं ने उन्हें फ़ोन भी नहीं किया था।

बीजेपी में शामिल होने के बाद अधिकारी ने दीदी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। अभिषेक को लेकर उन्होंने “तोलाबज भाइपो हटाओ बंगाल बचाओ” का नारा दिया। तोलाबाज भाइपो का मतलब होता है लुटेरा भतीजा।

टीएमसी से बगावत करने वाले नेता ने कहा कि बंगाल को टीएमसी और भ्रष्टाचार से बचाना है और भाजपा की सरकार बनानी है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अब टीएमसी में लोकतंत्र नहीं बचा है और इस पार्टी में कोई भी आत्म सम्मान वाला व्यक्ति नहीं टिक सकता है।

अधिकारी का संबंध बंगाल के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से है। उनके पिता शिशिर अधिकारी वर्तमान में बंगाल के कांथी लोकसभा सीट से सांसद हैं और वे तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में भी शामिल रहे हैं। उनके भाई दिव्येंदु अधिकारी भी तृणमूल कांग्रेस से तामलुक लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंत्री बनने से पहले अधिकारी भी तामलुक लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे हैं।

2007 में अधिकारी ने पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में एक रासायनिक कंपनी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण अभियान छेड़ रखा था। शुभेंदु ने यह अभियान भूमि उछेड़ प्रतिरोध कमिटी के बैनर तले किया था, जिसके बाद वे राज्य में काफी प्रसिद्ध हो गए थे और उनका नाम तत्कालीन युवा नेताओं में गिना जाने लगा था।