दर्जन भर से अधिक बंगाली टेलीविजन स्टार्स ने गुरुवार (18 जुलाई, 2019) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हाथ थाम लिया। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से नई दिल्ली पहुंच 13 कलाकारों ने भगवा और हरे स्कार्फ पहनकर मीडिया के सामने पार्टी सदस्यता ली। कला जगत से बीजेपी के जरिए राजनीति में कदम रखने वालों में ऋषि कौशिक, पर्णो मित्रा, कंचन मोइत्रा, रुपांजना मित्रा, बिस्वजीत गांगुली, देब रंजन नाग, अरिंदम हाल्दर, मॉमिता गुप्ता, ऑन्दिद्यो बनर्जी, सौरव चक्रवर्ती, रूपा भट्टाचार्य, अंजना बसु और कौशिक चक्रवर्ती हैं। ये सभी बंगाली टीवी सीरीज और फिल्मों में जाना-पहचाना नाम हैं।
इसी बीच, बंगाल बीजेपी चीफ दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार पर अपनी पार्टी के सदस्यों को परेशान करने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बंगाल में इन दिनों बीजेपी में शामिल होना बेहद जोखिम भरा है।” 13 कलाकारों के बीजेपी में आने पर घोष बोले- हम इन सभी के साहस को सलाम करते हैं, इन कलाकारों ने ऐसे हालात में भी पार्टी में शामिल होने के बारे में सोचा।
राजनीतिक जानकार बीजेपी में इन हालिया भर्तियों को दीदी की टीएमसी को दिए जवाब के रूप में देख रहे हैं। दरअसल, टीएमसी ने 2019 के आम चुनाव में दो बंगाली सेलेब्स मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां को लड़ाया था। ये दोनों ही जीतकर पहली बार सांसद बनीं और दोनों ने ही संसद में अपने डेब्यू करते हुए अच्छा-खासा प्रभाव छोड़ा। बीजेपी नेताओं का भी मानना है कि पार्टी में इन नई भर्तियों से उसे बंगाल की सियासी जंग लड़ने में खासा मदद मिलेगी। बता दें कि 2021 में सूबे में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए हलचलें अभी से तेज हो चुकी हैं।
Some eminent personalities from Bengal join BJP at BJP HQ in New Delhi. #BJPMembership https://t.co/QlKT6UrSz5
— BJP (@BJP4India) July 18, 2019
वैसे, ममता इससे पहले भी कला जगत के कई चेहरे पर चुनावी दांव खेल चुकी हैं। बंगाली मनोरंजन इंडस्ट्री यानी कि टॉलीवुड से वह शताब्दी रॉय, तपस पाल, संध्या रॉय और देब को वह मौका दे चुकी हैं, जबकि बीजेपी दीदी को मात देने के लिए उन्हीं की रणनीति पर अब अग्रसर होती नजर आ रही है।
मेयर सब्यसाची दत्ता ने दिया इस्तीफा: बिधाननगर के मेयर सब्यसाची दत्ता ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। एक दिन पहले ही कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस शासित बिधाननगर नगर निगम (बीएमसी) द्वारा उन्हें हटाने के लिए जारी किये गये बैठक के नोटिस को रद्द कर दिया था। दत्ता राजरहाट-न्यू टाउन से तृणमूल कांग्रेस के विधायक भी हैं। उनका पार्टी नेतृत्व के साथ गतिरोध चल रहा है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है।
मीडिया से उन्होंने कहा कि उन्होंने बीएमसी अध्यक्ष और आयुक्त को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उच्च न्यायालय ने बुधवार को यह निर्देश भी दिया था कि दत्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही के लिए दो दिन के अंदर नये सिरे से नोटिस जारी किया जाए। दत्ता ने उच्च न्यायालय में नगर निगम आयुक्त द्वारा उन्हें दिये गये नोटिस को चुनौती दी थी। दावा किया था कि उन्हें मेयर के पद से हटाने की कोशिश निजी अहम को संतुष्ट करने के लिए सत्ता हस्तांतरण का कुटिल तरीका है।