सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की रेड के खिलाफ पश्चिम बंगाल असेंबली में प्रस्ताव पास किया गया। प्रस्ताव में केंद्र सरकार के उस कदम की निंदा की गई जिसमें केंद्रीय एजेंसियों के जरिये विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। प्रस्ताव में कहा गया कि इस तरह का रवैया लोकतंत्र की सेहत के लिए अच्छा नहीं है।

उधर प्रस्ताव पास होने के बाद सूबे की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी नहीं बल्कि बीजेपी के कुछ नेता एजेंसियों का मिस यूज कर रहे हैं। ये लोग विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते हैं। लेकिन उन्हें ध्यान में रखना चाहिए कि इससे उनकी आवाज दबने वाली नहीं है। वो कुछ भी कर लें, तृणमूल डरने वाली नहीं है।

ममता ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि वो सरकार और पार्टी के काम को मिक्स न करें। उनका कहना था कि ये देश के लिए अच्छा नहीं है कि पार्टी की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार का बेजा इस्तेमाल किया जाए। ये सरासर गलत है। उनका कहना था कि पार्टी अलग है और सरकार अलग। सरकार का काम लोगों के हित के लिए नई नीतियां तैयार करके उनके क्रियान्वयन को देखना है। जबकि पार्टी पूरी तरह से अलग है।

गौरतलब है कि ईडी और सीबीआई के निशाने पर वो सूबे ज्यादा हैं जहां बीजेपी की सरकार नहीं है। पश्चिम बंगाल हो या फिर महाराष्ट्र या बिहार और राजस्थान। इन सभी जगहों पर केंद्रीय एजेंसियां लगातार धावा बोल रही है। विपक्ष के तमाम नेताओं पर ईडी का शिकंजा कस चुका है। गांधी परिवार भी इसमें शामिल है।

विपक्ष के तमाम नेता अक्सर मोदी सरकार की इस बात के लिए आलोचना करते देखे जाते हैं कि वो केंद्रीय एजेंसियों के जरिये विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल इस वजह से भी हॉट है क्योंकि वहां चिट फंड घोटाले के साथ कई अन्य मामलों में एजेंसियां रेड कर रही हैं। ममता बनर्जी के कद्दावर मंत्री पार्थ चटर्जी ईडी की वजह से जेल की हवा खा रहे हैं।