बुधवार को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह पर सभी की निगाहें लगी हैं। वहीं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने इस दिन यानि कि 5 अगस्त को पूरे राज्य में लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया है। जिसे लेकर प्रदेश भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार को निशाने पर ले लिया है। कई भाजपा नेताओं का कहना है कि यह एक और उदाहरण है कि किस तरह से ममता बनर्जी सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों और हिंदू विरोधी उद्देश्य को जारी रखे हुए है।

राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ भाजपा आज स्वामी विवेकानंद के घर मनिकतला से लेकर श्यामबाजार तक 3 किलोमीटर का विरोध मार्च निकालेगी। भाजपा की मांग है कि राज्य में ‘लोकतंत्र’ को फिर से लागू किया जाए। विरोध मार्च के दौरान भाजपा सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखेगी। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का यह फैसला उसकी सांप्रदायिक मनोदशा को दिखाता है। सिन्हा ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार ने पहले ईद के मौके पर लॉकडाउन में छूट दी थी। हालांकि टीएमसी ने बीजेपी के इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

बता दें कि ममता बनर्जी सरकार ने अगस्त तक राज्य में हर सप्ताह के आखिरी दो दिन लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया है। सरकार के इस फैसले की आलोचना हुई थी। जिसके बाद सरकार ने राज्य में बीच-बीच में किसी दिन लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। इसके तहत अब राज्य में 5 अगस्त, 8 अगस्त, 20 अगस्त, 21 अगस्त, 27 अगस्त, 28 अगस्त और 31 अगस्त को लॉकडाउन लगाया जाएगा।

सरकार ने तिथियों में कुछ बदलाव भी किया था जिसके पीछे तर्क था कि त्योहारों को देखते हुए यह बदलाव किया गया है। इसी बदलाव के तहत 2 अगस्त को ईद वाले दिन भी सरकार ने लॉकडाउन में छूट दी थी। जिस पर बीजेपी ने 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम को देखते हुए लॉकडाउन में छूट की मांग की थी। जिसे सरकार ने नहीं माना है।

बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का तर्क है कि 5 अगस्त का दिन आजाद भारत के इतिहास का अहम दिन है। घोष ने कहा कि लॉकडाउन लगाकर सरकार बहुमत वाले समुदाय की भावनाएं आहत कर रही है। घोष ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने 5 अगस्त को लॉकडाउन वापस लेने का फैसला नहीं किया, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।