खुद को ‘कोबरा’ कहने वाले तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद मिथुन चक्रवर्ती को बीजेपी ने 7 मार्च (2021) को अपना सदस्य बना लिया है। बीजेपी को उम्मीद है कि वह ‘बंगाल की दीदी’ (ममता बनर्जी) को ‘बंगाल का बेटा’ (मिथुन) के जरिए टक्कर दे सकेगी। बीजेपी बंगाल में मिथुन से भी ज्यादा बड़े दिग्गजों को पार्टी से जोड़ना चाहती थी, लेकिन सफलता मिलते नहीं देख कर उसने मिथुन पर ही दांव लगाना मुनासिब समझा है।
ममता बनर्जी को मात देने के लिए बीजेपी सौरव गांगुली और प्रोसेनजीत चटर्जी जैसे बंगाली दिग्गजों को अपने साथ लाने की कोशिश में लगी थी। गांगुली ने अभी तक राजनीति में आने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। उधर, बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री के आइकॉन माने जाने वाले चटर्जी ने एक तरह से भाजपा को मना कर दिया है। चटर्जी 23 जनवरी को कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में शामिल तो हुए थे, पर उन्होंने साफ जता दिया है कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है। इस बीच, चक्रवर्ती ने फरवरी मेें आरएसएस चीफ मोहन भागवत से मुलाकात की और बात बनती ही चली गई।
मिथुन की कहानी जानने के लिए नीचे का वीडियो देखें
मिथुन ने अपने जमाने में पर्दे पर कमाल दिखा कर अच्छा स्टारडम हासिल किया था। 1976 में मृणाल सेन की फिल्म ‘मृगाया’ में आदिवासी की भूमिका निभा कर उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल किया था। बाद के सालों मेें डिस्को डांसर के रूप में भी वह सिनेप्रेमियों के बीच लोकप्रिय हुए। पर, मतदाताओं के बीच वह कितने लोकप्रिय हैं, उसकी झलक जल्द ही मिलनी शुरू होगी, जब वह चुनाव प्रचार में उतरेंगे। संभव है, मिथुन 12 मार्च से चुनाव प्रचार शुरू करेंगे। बीजेपी को उम्मीद है कि वह भीड़ जुटाने में कामयाब होंगे।
नंदीग्राम में उनकी भूमिका और कामयाबी को लेकर बीजेपी ज्यादा आशावान है।
ममता बनर्जी और उनके पुराने सहयोगी (अब भाजपा उम्मीदवार) शुवेंदु अधिकारी के मुकाबले के चलते नंदीग्राम की चुनावी जंग नाक की लड़ाई बन गई है। अधिकारी से मिथुन के पुराने संबंध भी हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में उन्होंने अधिकारी के लिए प्रचार भी किया था। अब भाजपा की ओर से लड़ रहे अधिकारी को एक बार फिर उम्मीद है कि मिथुन की ‘स्टार पावर’ ममता से उनकी जीत सुनिश्चित कराने में मददगार साबित होगी।
इस बार बीजेपी ने बंगाल में फिल्म जगत से जुड़ी कई हस्तियों को अपने साथ जोड़ा है। यहां लड़ रहे भाजपा के सेनापतियों में कई तृणमूल कांग्रेस के पुराने दिग्गज हैं। मुकुल राय भी उनमें से एक हैं। राय पर भाजपा ने बड़ा दावं खेला है। राय की कहानी जानने के लिए यह वीडियो देखें:
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की दौड़ में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी नेता ही पाला बदलकर बीजेपी में नहीं आए हुए हैं, सीएम के करीबी अफसर भी बीजेपी के खेमे में हैं। ऐसा ही एक नाम है पूर्व आईपीएस भारती घोष का। भारती को कभी ममता बेटी मानती थीं, लेकिन अब वह भाजपाई हैं। भारती घोष का किस्सा जानने के लिए यह वीडियो देखें।
फिल्म जगत से भाजपा के लिए बैटिंग करने वालों में रुद्रनील घोष, यश दासगुप्ता, हिरन चटर्जी, पायल सरकार, स्रावंती चटर्जी आदि शामिल हैं। 2016 विधानसभा चुनाव के समय ऐसी स्थिति नहीं थी। इन पांच सालों में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत काफी बढ़ाई है। इसका असर कितना हआ, यह दो मई को पता चलेगा।