भले ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव होने में अभी वक्त हों लेकिन राजनीतिक उठा पटक का दौर बहुत पहले से ही शुरू हो चुका है। जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके अपने ही साथी छोड़ते जा रहे हैं। पहले ममता के विश्वस्त सिपहसालार रहे शुभेंदु अधिकारी ने उनका साथ छोड़ा तो अब वनमंत्री राजीव बनर्जी ने तृणमूल का दामन छोड़ दिया। राजीव तीसरे मंत्री हैं जिन्होंने ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है। इससे पहले शुभेंदु अधिकारी और लक्ष्मी रतन शुक्ला भी मंत्री पद छोड़ चुके हैं। इसके अलावा तृणमूल के करीब 16 विधायक पार्टी से इस्तीफ़ा दे चुके हैं।

राज्य सरकार के वनमंत्री राजीव बनर्जी ने ममता बनर्जी को लिखे अपने इस्तीफ़ा पत्र में कहा है कि मुझे यह बताते हुए बेहद खेद हो रहा है कि आज 22 जनवरी 2021 को मैं अपने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ। इस्तीफा देने के बाद राजीव बनर्जी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैं अपने ऊपर हो रहे निजी हमले से बेहद ही दुखी था। मुझे मानसिक तौर पर परेशान भी किया गया जिस वजह से मुझे यह कदम उठाना पड़ा। हालाँकि राजीव बनर्जी ने कहा कि मुझे ऐसा करते हुए बेहद दुःख भी हो रहा है। इसके अलावा राजीव ने ममता बनर्जी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इतने वर्षों तक मेरा मार्गदर्शन करने के लिए उनका शुक्रिया। 

राजीव बनर्जी के मंत्री पद छोड़ने के फैसले पर तृणमूल नेता सौगात रॉय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से राजीव पार्टी के फोरम पर कुछ भी नहीं बोल रहे थे। वह कैबिनेट की बैठकों को भी नज़रअंदाज़ कर रहे थे. पार्टी राजीव की इन हरकतों पर धैर्य रखी हुई थी। पार्टी कुछ फैसला करती इससे पहले उन्होंने खुद ही ठीक निर्णय ले लिया। 

आपको बता दूँ कि 2020 के अंत में ममता बनर्जी को एक बड़ा झटका लगा था जब उनके कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी छोड़ दी थी। उसके बाद लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके अलावा टीएमसी विधायक मिहिर गोस्वामी भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। वहीँ अब 2021 में पहले विधायक अरिंदम भट्टाचार्य ने तृणमूल का साथ छोड़ा तो अब राजीव बनर्जी ने भी ममता कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया है।