चक्रवात तूफान का जायजा लेने बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी की मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अमित शाह से लेकर कई भाजपा मुख्यमंत्रियों के द्वारा आलोचना किए जाने के बाद ममता ने प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं को निशाने पर लिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार राजनीतिक दुर्भावना के तहत काम कर रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए वे पीएम मोदी के पैर भी छूने को तैयार हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के मीटिंग में शामिल नहीं होने को लेकर जारी विवाद के बीच शनिवार को ममता बनर्जी ने प्रेस कांफ्रेंस किया। प्रेस कांफ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा कि पीएमओ के द्वारा जानबुझ कर एकतरफा जानकारी फैलाई गई और उन्हें बदनाम किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि आखिर केंद्र को बंगाल से इतनी नाराजगी क्यों है? अगर मुझसे कोई नाराजगी है तो बंगाल के लोगों के लिए मैं प्रधानमंत्री का पांव पकड़ने को भी तैयार हूं।

इसके अलावा ममता बनर्जी ने कहा कि शुरू में चक्रवाती तूफान की समीक्षा बैठक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच होनी थी। इसलिए उन्होंने प्रस्तावित दौरे में कटौती कर कलाईकुंडा जाने का कार्यक्रम बनाया जहां यह मीटिंग होनी थी। लेकिन बाद में इस बैठक में राज्यपाल, केंद्रीय मंत्रियों और यहां तक की विपक्षी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी को भी शामिल होने को कह दिया गया। इसलिए उन्होंने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि यह मीटिंग प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच थी ही नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे पहले गुजरात और ओड़िशा में भी ऐसी बैठकों में विपक्षी दल के नेता को नहीं बुलाया गया था। 

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल विभाग ने उन्हें 20 मिनट की देरी से  सागर द्वीप से कलाईकुंडा के लिए रवाना होने को कहा। साथ ही जब वह कलाईकुंडा पहुंची तो वहां भी उनका हेलीकॉप्टर 15 मिनट की देरी से नीचे उतरने दिया गया। तब तक प्रधानमंत्री मोदी वहां पहुंच चुके थे. कलाईकुंडा पहुंचने के बाद जब वे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करने की अनुमति मांगी तो काफी देर के बाद उन्हें पीएम से मिलने दिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा बदले की भावना से काम करती है। चुनाव परिणाम के बाद से ही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और भाजपा नेता राज्य सरकार के खिलाफ बदले की राजनीति के तहत काम कर रहे हैं और अपनी हार नहीं पचा पा रहे हैं।

बता दें कि पिछले काफी समय से खासकर पश्चिम बंगाल चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच कई बार तल्खी देखी गई। इस साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के अवसर पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में हुए कार्यक्रम में ममता बनर्जी के बोलने के दौरान भीड़ में मौजूद लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में जय श्री राम के नारे लगाए थे। जिसके बाद ममता बनर्जी गुस्से में अपना भाषण पूरा किए बिना मंच से चली गईं थी। हालांकि उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी चुपचाप मंच पर ही बैठे हुए थे।