पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट और बांग्लादेश मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। बांग्लादेश मुद्दे पर विदेश मंत्रालय की उनपर टिप्पणी को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे केंद्र सरकार कुछ ना सिखाए।

मैं सात बार सांसद रही हूं- ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने कहा, “मैं संघीय ढांचे को अच्छी तरह से जानती हूं। मैं सात बार सांसद रही और दो बार केंद्रीय मंत्री रही हूं। मैं विदेश मंत्रालय की नीति को किसी और से बेहतर जानती हूं। उन्हें मुझे सबक नहीं सिखाना चाहिए बल्कि उन्हें सिस्टम से सीखना चाहिए।”

बांग्लादेश में हिंसक झड़पों के बाद ममता बनर्जी ने संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत बांग्लादेशी शरणार्थियों को आश्रय देने की अपनी प्रतिबद्धता की बात कही थी। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की ‘शहीद दिवस’ रैली में कहा था, ”अगर असहाय लोग बंगाल के दरवाजे पर दस्तक देंगे तो हम निश्चित रूप से उन्हें आश्रय देंगे।”

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बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ममता बनर्जी की टिप्पणियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि उनकी टिप्पणियां भ्रम पैदा कर सकती हैं और जनता को गुमराह कर सकती हैं। विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि उन्हें ममता बनर्जी की टिप्पणी पर बांग्लादेश से एक लिखित आपत्ति मिली है।

विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि विदेशी संबंधों से जुड़े मामले केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है। रणधीर जयसवाल ने कहा, “हमारे संविधान की सातवीं अनुसूची के आइटम 10 के तहत विदेशी मामलों का संचालन और सभी मामले, जो देश को किसी विदेशी देश के साथ संबंध में लाते हैं, उसपर केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है।”

वहीं बजट पर ममता बनर्जी ने कहा कि यह पूरी तरह राजनीतिक रूप से पक्षपाती है और उसमें गैर एनडीए शासित राज्यों की अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार तो बना ली है, लेकिन उसके पास जनादेश नहीं है। इसके अलावा नीति आयोग की बैठक में शामिल होने पर ममता ने कहा, “मैंने सोचा कि साझा मंच पर अपनी आवाज उठाना मेरा कर्तव्य है, हालांकि मुझे पता है कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय ताकत नहीं है।”