संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का लगातार विरोध कर रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि वे बांग्लादेशी जो बंगाल में रहे हैं वह सभी भारत के नागरिक हैं। सीएम ने कहा कि जो भी चुनावों में वोट डालते रहे हैं वह भारत के नागरिक हैं और उन्हें नागरिकता के लिए नए सिरे से आवेदन करने की कोई जरूरत नहीं। कालियागंज में एक जनसभा में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में यह बातें कही।
उन्होंने कहा ‘जो भी बांग्लादेश से भारत में आए हैं वे सभी भारत के नागरिक हैं। आप लोगों को नए सिरे से नागरिकता के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं। आप चुनाव में मतदान कर रहे हैं और प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को चुन रहे हैं। लेकिन वे अब कह रहे हैं कि आप लोग भारतीय नागरिक नहीं हैं उनकी बातों पर यकीन मत कीजिए।’
सीएए का लगातार विरोध कर रही ममता ने दिल्ली में सीएए विरोधी हिंसा में मारे गए 47 लोगों की मौत पर भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि याद रखिए यह बंगाल है, दिल्ली में जो हुआ, उसे यहां कभी नहीं होने दिया जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा ‘सरकार प्रायोजित जनसंहार’ है। भाजपा देशभर में ‘दंगों का गुजरात मॉडल’ दोहराने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि एक मार्च को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता में एक रैली में कहा था कि वह घुसपैठ को समाप्त कर रहे हैं। उन्होंने सीएए के समर्थन में आयोजित रैली में ममता सरकार पर भी कई जुबानी हमले किए थे। शाह ने कहा था कि सीएए किसी की नागरिकता लेने वाला नहीं बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है।