West Bengal Assembly Elections 2021: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 15 मार्च, 2021 को वह हेलिकॉप्टर में खराबी आ जाने के कारण झाड़ग्राम में जनसभा को संबोधित नहीं कर पाए। इसके लिए उन्होंने लोगों से माफी मांगते हुए 42 किलोमीटर दूर से ऑनलाइन रैली को संबोधित किया। लेकिन, कोलकाता से छपने वाले अंग्रेजी अखबार ‘द टेलीग्राफ’ ने बीजेपी के सूत्रों के हवाले से बताया है कि रैली में कम भीड़ जुटने की वजह से शाह ने झाड़ग्राम जाकर रैली नहीं करने का फैसला किया।
शाह ने झाड़ग्राम के लोगों को वर्चुअली संबोधित किया था और उनका यह भाषण महज सात मिनटों का था। गृह मंत्री ने यह ऑनलाइन संबोधन तय स्थान से लगभग 42 किलोमीटर दूर खड़गपुर से दिया था। मौके पर न पहुंच पाने से जुड़ी सफाई में उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रचार के लिए जा रहा था। दुर्भाग्य से मेरा हेलीकॉप्टर खराब हो गया और मैं आपसे मिल नहीं पाया।’’
अंग्रेजी अखबार ‘The Telegraph’ ने भाजपा नेताओं के हवाले से दावा किया कि शाह के वहां न पहुंचने के पीछे की असल वजह बेहद कम भीड़ जुटना थी। पार्टी से जुड़े सूत्रों के हवाले से अखबार ने बताया कि भाजपा ने वहां प्रस्तावित शाह की रैली में 45 हजार लोगों को लाने का लक्ष्य रखा था, मगर 11 बजे तक वहां करीब 10 हजार लोग ही जुटाए जा सके। इसलिए शाह ने सभास्थल पर नहीं जाने का फैसला किया। हालांकि, अखबार ने यह बताने वाले सूत्र का कोई संकेत नहीं दिया है।
देखें, शाह ने झाड़ग्राम न पहुंच पाने पर क्या दी सफाई?:
I apologise to the people of Jhargram for not being able to address the rally in person due to technical snag in my chopper. But I thank you all from the bottom of my heart for turning out in such large numbers. Let Jhargram be the harbinger of change and usher Ashol Poriborton. pic.twitter.com/DGNf3nbyaj
— Amit Shah (@AmitShah) March 15, 2021
बीजेपी में बंगाल इकाई से जुड़े व्यक्ति ने अखबार से कहा- अगर चॉपर में तकनीकी दिक्कत असल वजह होती, तब तो वह घंटे भर के भीतर सड़क के रास्ते से भी वहां पहुंच सकते थे। झाड़ग्राम की रैली को वर्चुअली संबोधित करने के बाद वह चॉपर से बांकुरा के खतरा रैली आसानी से पहुंच गए। उसी के मुताबिक, “अगर कोई इमरजेंसी या फिर दिल्ली में दवाब भरा काम होता, तो ठीक रहता, पर वह उसी रास्ते आए पर वहां (झाड़ग्राम) नहीं गए। कम भीड़ ने उनके जाने का कार्यक्रम रद्द कराया। यह चीज (कम जनता) उन जैसे नेता के लिए ठीक नहीं थी।”
वहीं, झाड़ग्राम में एक पार्टी नेता ने कहा- करीब डेढ़ घंटे लंबे इंतजार के बाद बीजेपी ने घोषित किया था कि शाह नहीं आ सकेंगे, क्योंकि उनके चॉपर में खराबी आ गई है। वह वर्चुअली सभा को संबोधित करेंगे। हमारे लिए यह बेहद निराशाजनक खबर थी, क्योंकि हम लोग घंटों से उनकी आस में थे। दोपहर एक बजकर पांच मिनट पर उनका संबोधन शुरू हुआ, जो सात मिनट का था। शाह के वर्चुअल संबोधन शुरू होने से पहले ही भारी संख्या में लोग कार्यक्रम स्थल से चले गए थे।
सभा में कम भीड़ देख मंच पर ही भड़के शाह, बोले- 15-20 हजार की भीड़ से न बन पाएंगे MLA
उधर, बीजेपी झाड़ग्राम इकाई के अध्यक्ष और विस चुनाव में उम्मीदवार सुखमोय सतपति ने अखबार को बताया- भीड़ कम नहीं थी। अमित शाह ने अपने चॉपर में आई गड़बड़ी के कारण दौरा रद्द किया। अहम बात यह है कि उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वह यहां फिर आएंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या शाह 42 किमी का सफर सड़क मार्ग से नहीं तय कर सकते थे? इस पर सतपति ने जवाब दिया- अगर ऐसा होता, तब उन्हें बांकुरा में अपनी अगली प्रचार रैली को रद्द करना पड़ता। हालांकि, सतपति के ही एक सहयोगी ने उनके इस तर्क पर कहा, “शाह रोड से झाड़ग्राम जा सकते थे और चॉपर से बांकुरा। मुझे उनकी एक भी ऐसी रैली नहीं याद है, जिसमें वह सात मिनट तक बोले हों और फिर चाहे वह वर्चुअली ही क्यों न हो।”
सूत्रों की मानें तो भीड़ शाह की झाड़ग्राम ही नहीं बल्कि बांकुरा की रैली में भी कम थी। पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए द टेलीग्राफ ने बताया, “सीनियर बीजेपी नेताओं ने लगभग 50 हजार लोगों और 450 वाहनों का टारगेट रखा था।” एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने इस बारे में कहा, असल में लोग बेहद कम थे। खतरा में सिर्फ आठ हजार लोग ही मिले, जबकि गाड़ियों की संख्या 120 के आसपास होगी।
सोशल मीडिया पर लोग शेयर करने लगे रैली स्थल के वीडियो-फोटोः
भाजपा के “चाणक्य” कहे जाने वाले छोटा भाई की रैली का हाल है ये,लगता है दुकान बंद करने का समय आ गया है. pic.twitter.com/apWF9kldIu
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) March 15, 2021
Amit Shah’s rally in Jhargram, West Bengal had to be cancelled today due to low turnout.
This shows that the people of Bengal have seen through the lies of BJP and its star campaigners, they are no longer interested in hearing lies! pic.twitter.com/1wqpCyqJjt
— West Bengal Congress (@INCWestBengal) March 15, 2021
Reality: HM Amit Shah didn’t turn up to address the rally in Jhargram, WB due to low turnout.
What the media will say: Massive turnout at a rally in Jhargram, West Bengal today forced HM Amit Shah to address the rally virtually. pic.twitter.com/OObAgXpVoV
— Saral Patel (@SaralPatel) March 15, 2021
News that should be:#AmitShah‘s Jhargram rally scheduled at 11AM delayed as @BJP4Bengal gets greeted by empty chairs.#WestBengalElections2021 pic.twitter.com/BGLnhTkL1S
— Sreya Chatterjee (@Sreya_Chattrjee) March 15, 2021
झाड़ग्राम दौरा रद्द हुआ, तो BJP-TMC में छिड़ा वाकयुद्धः शाह का दौरा रद्द होने पर पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि असली गड़बड़ी ‘कम भीड़’ थी जबकि भाजपा नेता ने खचाखच भरे ग्राउंड का वीडियो ट्वीट किया। शाह ने डिजिटल रैली में यह भी कहा था, ‘‘मैं प्रचार के लिए जा रहा था। दुर्भाग्य से मेरा हेलीकॉप्टर खराब हो गया और मैं आपसे मिल नहीं पाया। हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी को मैं साजिश नहीं कहूंगा।’’
दरअसल, नंदीग्राम में 10 मार्च को प्रचार के दौरान दीदी चोटिल हो गई थीं और उन्हें चोटें भी आई थीं। टीएमसी ने इसे ‘उनकी जान लेने की भाजपा की साजिश’ करार दिया था। हालांकि, ताजा मामले में टीएमसी ने फौरन शाह पर पलटवार करते हुए कुछ फोटो शेयर किए, जिनमें कम भीड़ और कुर्सियां खाली नजर आ रही थीं। पार्टी ने दावा कि शाह की योजना इसी के चलते अंतिम घड़ी में बदली।
वहीं, ममता के भतीजे और पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी ने तंज कसा और कहा कि शाह की रैली से अधिक लोग तो ‘जेसीबी से की जानेवाली खुदाई’ को देखने या किसी दुकान पर चाय की चुस्की लेने के लिए जुट जाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा जब उत्तर प्रदेश, गुजरात या असम जैसे अपने शासन वाले राज्यों को स्वर्णिम राज्य में तब्दील नहीं कर पाई तो वह पश्चिम बंगाल को ‘सोनार बांग्ला’ बनाने का वायदा कैसे पूरा कर सकती है। मजाक उड़ाते हुए यह भी कहा कि क्या भाजपा गाय के दूध से सोना निकालकर ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की योजना बना रही है?
वैसे, इससे पहले नवंबर 2019 में शाह की एक रैली में कम भीड़ जुटी थी, तो वह बुरी तरह भड़क उठे थे। मंच से कह दिया था, “इतने कम लोगों से काम नहीं चलने वाला है। 15 से 20 हजार की भीड़ के बलबूते भारतीय जनता पार्टी का विधायक नहीं बन पाएगा।” उन्होंने इसके अलावा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए थे कि हर एक व्यक्ति कम से कम 50-50 लोगों को फोन कर भाजपा को वोट देने की अपील करे।