Weather forecast Today India : भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार (29 जुलाई, 2019) को महाराष्ट्र, उत्तर गुजरात और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने गुजरात के मुछआरों को चेतवानी जारी करते हुए कहा कि एक अगस्त तक प्रदेश के उत्तर, पश्चिम मध्य और दक्षिण पश्चिम इलाकों के समुद्र में ना उतरें। मौसम विभाग के मुंबई केंद्र के एक अधिकारी ने कहा कि मुम्बई के पड़ोसी ठाणे और पालघर जैसे जिलों में सोमवार को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान है।
अधिकारी ने कहा कि वर्षा में मंगलवार से कमी आएगी। जिन जिलों आज भारी बारिश होने का अनुमान है उनमें पुणे, कोल्हापुर, सतारा और नासिक शामिल हैं। भारी वर्षा के पूर्वानुमान वाले जिलों में नंदुरबार, जलगांव, धुले, औरंगाबाद, परभणी, हिंगोली, नांदेड, लातुर, उस्मानाबाद और जालना शामिल हैं। मौसम से जुड़ी जानकारी देने वाली एक निजी एजेंसी के मुताबिक मंगलवार को भी गुजरात के कई हिस्सों में बारिश होगी।
वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले दो-तीन दिन में तापमान एवं आर्द्रता का स्तर बढ़ने की संभावना है और शहर में हल्की बारिश होने का अनुमान भी है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है। ‘स्काइमेट वेदर’ के महेश पलावत ने बताया कि मानसून राजस्थान की ओर चला गया है। यह एक बार फिर 31 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की ओर आएगा जिससे और अधिक बारिश होगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सोमवार को नमी रहने के कारण कहीं-कहीं बारिश हो सकती है और व्यापक स्तर पर एवं भारी बारिश न होने के कारण तापमान में वृद्धि हो सकती है।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को भारी बारिश के बाद बनिहाल-रामबन बेल्ट में हुए भूस्खलन के चलते स्थगित कर दिया गया। पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार देश के कुछ हिस्सों में फिलहाल बारिश रुकने वाली नहीं है।
बिहार और असम में बाढ़ का कहर है। बिहार में जहां भारी बारिश के चलते अब तक 127 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं असम में मरने वालों का आंकड़ा 82 तक पहुंच गया है। वहीं, बाढ़ के चलते लाखों लोग बेघर हो गए हैं।
पिछले चार दिनों के दौरान खराब मौसम के कारण बार-बार बाधित होने के बाद अमरनाथ यात्रा सोमवार को जम्मू और पहलगाम आधारशिविरों से बहाल हो गयी जबकि बालटाल मार्ग से यह स्थगित रही। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।अधिकारियों के अनुसार खराब मौसम के कारण एक दिन यात्रा स्थगित रहने के बाद 492 महिलाओं, तीन बच्चों और 174 संतों समेत 2675 श्रद्धालुओं का पहला जत्था यहां भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं का यह जत्था कड़ी सुरक्षा के बीच 113 वाहनों से तड़के यहां से चला। इससे पहले 270 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया था।
मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली-NCR में अगले दो दिनों में हल्की बारिश के आसार हैं। बारिश के चलते मौसम में नमी का स्तर बढ़ सकती है। वहीं, 30, 31 जुलाई और एक अगस्त को फिर से घने बादलों के छाने और अच्छी बरसात होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह मौसम उमस भरा रहा और पिछले 24 घंटे के दौरान यहां 6.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी जिसके कारण न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर से नीचे बना रहा।
अधिकारियों ने बताया कि नमी 78 प्रतिशत दर्ज की गयी।सफदरजंग वेधशाला में पिछले 24 घंटों में 6.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी।
मौसमविद ने दिन के दौरान आसमान में आमतौर पर बादल छाये रहने और बहुत हल्की बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। साथ ही गरज के साथ छीटें पड़ने की भी संभावना है। अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस के करीब बने रहने का अनुमान है।रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गुजरात के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात के बीच राज्य आपतकालीन संचालन केंद्र (एसईसीओ) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 33.90 फीसद औसत बारिश हो चुकी है।इसके अनुसार राज्य के बनासकांठा जिले के वाव तालुका में पिछले 24 घंटे के दौरान सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 230 मिमी बारिश हुई जबकि थराड तालुका में 171 मिमी बारिश हुई।
एसईसीओ के आंकड़े में यह भी कहा गया है कि इसी जिले में देवदार में 102 मिमी बारिश हुई।इसके अनुसार इस साल मॉनसून की शुरुआत के बाद से गुजरात में अब तक 276.59 मिमी बारिश हुई या 33.90 फीसदी औसत बारिश हुई।दक्षिण गुजरात के वलसाड जिले में इस मौसम में अधिकतम 56.26 फीसदी बारिश हुई, जिसके बाद भरूच में 54.24 फीसदी बारिश हुई।
राजस्थान में भारी बारिश के चलते जहां कोटा और आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, वहीं राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश से जुड़े हादसों में नौ और लोगों की मौत हो जाने से मरने वालों की संख्या 22 तक पहुंच गई है। राज्य के आपदा राहत प्रबंधन दल ने भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात का सामना कर रहे कोटा में निचले इलाकों में रह रहे लगभग 250 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। कोटा के जिला कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि भारी बारिश के चलते कई कालोनियों में जलभराव के कारण कालोनी वासी अपने-अपने घरों में फंस गए हैं। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
राजस्थान में रविवार को कोटा जिला बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा जहां 151.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। यहां राज्य आपदा मोचन बल के दलों ने निचले इलाकों में रह रहे करीब 250 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। राज्य के अलग-अलग इलाकों से रविवार को बारिश से जुड़े हादसों में नौ लोगों की मौत की खबर आई।
अधिकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र के नासिक क्षेत्र में बीते चार दिनों में भारी बारिश के कारण गंगापुर बांध में पानी कुल भंडारण क्षमता का 74 फीसद हो गया। उन्होंने कहा कि गोदावरी नदी के किनारे रहने वाले लोगों को भी सतर्क कर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि ठाणे जिले के मुरबद और कल्याण के बीच एक नदी पुल रविवार तड़के भारी बारिश के बीच बह गया। मुरबद के तहसीलदार अमोल कदम ने बताया कि रायता गांव में उल्हास नदी पर बने पुल का हिस्सा बह गया और बारिश के कारण सड़क को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे मुंबई को गुजरात के अहमदाबाद से जोड़ने वाले राजमार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ।
करीब तीन सप्ताह के सूखे के बाद मानसून ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बना हुआ है। झारखंड पर भी इसका असर दिख रहा है। राजधानी में पिछले तीन दिनों से मानसून का दौर जारी है।
जिन जिलों में सोमवार को भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान हैं उनमें पुणे, कोल्हापुर, सतारा और नासिक शामिल हैं। भारी वर्षा के पूर्वानुमान वाले जिलों में नंदुरबार, जलगांव, धुले, औरंगाबाद, परभणी,हिंगोली, नांदेड, लातुर,उस्मानाबाद और जालना शामिल हैं। मौसम विभाग ने कहा कि इन जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होगी।’ विभाग ने इसके साथ ही कहा कि महाराष्ट्र में सप्ताह के बाकी दिनों के दौरान हल्की से मध्यम वर्षा होने की उम्मीद है।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. रंजीत सिंह का मानना है कि पिछले कुछ दिनों में मानसून की सक्रियता ने देश में बारिश की कमी के स्तर को कम किया है और पांच अगस्त तक इसकी काफी हद तक भरपाई होने की उम्मीद है। सिंह ने कहा कि इस सप्ताह के शुरु में दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश में कमी का देशव्यापी स्तर 19 प्रतिशत था जो कि शनिवार को घटकर 14 प्रतिशत रह गया है। जून में मानसून सक्रिय होने के बाद बारिश की कमी का स्तर 33 प्रतिशत था। लेकिन यह कमी लगातार घट रही है। यह मानसून की शुरुआती सक्रियता में कमी के कारण हुआ है। यह सही है कि पिछले सालों की तुलना में मानसून के सक्रिय होने की गति इस साल थोड़ी धीमी रही। इसके कारण बारिश में कमी दर्ज की गयी है लेकिन पिछले एक सप्ताह से लेकर अगले एक सप्ताह तक मानसून की सक्रियता, बारिश की कमी को पूरा कर देगी।
मौसम विभाग ने सोमवार को रायगढ़ जिले में छिटपुट स्थानों पर और मुम्बई शहर तथा उपनगरीय जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान किया है कि पूरे महाराष्ट्र में सोमवार को व्यापक स्तर पर वर्षा होगी। विभाग के मुम्बई क्षेत्रीय केंद्र के एक अधिकारी ने कहा कि मुम्बई के पड़ोसी ठाणे और पालघर जैसे जिलों में सोमवार को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान है। अधिकारी ने कहा कि वर्षा में मंगलवार के बाद कम होगी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले दो-तीन दिन में तापमान एवं आर्द्रता का स्तर बढ़ने की संभावना है और शहर में हल्की बारिश होने का अनुमान भी है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है। ‘स्काइमेट वेदर’ के महेश पलावत ने बताया कि मानसून राजस्थान की ओर चला गया है। यह एक बार फिर 31 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की ओर आएगा जिससे और अधिक बारिश होगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सोमवार को नमी रहने के कारण कहीं-कहीं बारिश हो सकती है और व्यापक स्तर पर एवं भारी बारिश न होने के कारण तापमान में वृद्धि हो सकती है।
मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को उत्तर गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश होने सहित समूचे गुजरात में वर्षा होने का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग ने कहा कि सोमवार को उत्तर गुजरात के बनासकांठा और पाटन में छिटपुट स्थानों और कच्छ में भारी होने की संभावना है। उत्तर गुजरात के साबरकांठा और महेसाणा जिलों में सोमवार को भारी वर्षा होने की उम्मीद है। विभाग ने कहा कि मंगलवार को भी बनासकांठा, पाटन, नवसारी, वलसाड, देवभूमि द्वारका, जामनगर और कच्छ जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसके साथ ही मछुआरों के लिए एक चेतावनी जारी की और उन्हें तेज हवाओं के बहने के चलते एक अगस्त तक उत्तर, पश्चिम मध्य और दक्षिणपश्चिम हिस्सों में समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी है। विभाग ने कहा कि वायु गति अगले पांच दिन में बढ़कर 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे हो सकती है।