जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर रविवार को ड्रोन से हमले हुए। माना जा रहा है कि इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज (आईईडी) ले जाने वाले ड्रोन द्वारा इसे अंजाम दिया गया। इससे पहले भी ड्रोन की मदद से हथियार गिराए जाने के मामले देखने को मिले थे। लेकिन सैन्य ठिकाने पर ड्रोन हमला पहली बार देखा गया है। सूत्रों के अनुसार पिछले दो-तीन वर्षों में जम्मू और पंजाब में ड्रोन से हथियार, ड्रग्स और विस्फोटक गिराने के कई उदाहरणों सामने आएं हैं। जिसमें एक घटना मई महीने में भी हुए थे।
बताते चलें कि 14 मई को, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने जम्मू में पाकिस्तान से एक संदिग्ध ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियारों का पता लगाया था। इस दौरान एक एके-47 राइफल, एक पिस्टल, एक मैगजीन सहित कई हथियार मिले थे। हालांकि, यह खेप जहां अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 250 मीटर की दूरी पर बरामद की गई, वहीं रविवार को टार्गेट किया गया भारतीय वायुसेना का अड्डा भारतीय क्षेत्र के करीब 14 किलोमीटर अंदर था। लेकिन जानकारी के अनुसार पहले भी ड्रोन भारत की सीमा में 12 किमी तक घुस चुका है।
अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन के भारतीय क्षेत्र से नियंत्रित होने की संभावना से अभी इंकार नहीं किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार पिछले साल 20 जून को भी बीएसएफ ने एक ड्रोन को मार गिराया था. इस दौरान एक हेक्साकॉप्टर मॉडल का ड्रोन हथियार और गोला-बारूद ले जा रहा था। कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर के रथुआ गांव में नियंत्रण रेखा के पास उसे गोली मार दी गई थी।
गौरतलब है कि अधिकारियों के अनुसार रात एक बजकर 40 मिनट पर छह मिनट के अंतराल पर हुए दो धमाकों में वायुसेना के दो कर्मी घायल हो गये। शहर के सतवारी क्षेत्र में पहले विस्फोट से हवाई अड्डे के तकनीकी क्षेत्र में एक इमारत की छत ढह गई। इस स्थान की देखरेख की जिम्मेदारी वायुसेना की है और दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने इस घटना को ‘आतंकवादी हमला’ करार दिया है।
आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल देश के लिए एक नए सुरक्षा खतरे की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। सशस्त्र ड्रोन से खतरे पर भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने कुछ साल पहले चर्चा की थी। इससे पहले पंजाब पुलिस की तरफ से भी इस बात को लेकर दावें किये गए थे कि पंजाब में पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा राज्य में हथियार गिराए गए हैं। इधर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीमों ने रविवार को विस्फोट स्थल को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।