कोरोना संकट के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों, श्रमिकों, छात्रों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों और अन्य लोगों को वापस लाने पर राजनीतिक रस्साकशी फिलहाल जारी है। इसी बीच, बिहार के मुख्यमंत्री और JD(U) चीफ नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि दूसरे सूबों में फंसे मजदूरों और छात्रों को वापस गृह राज्य लाने का पूरा खर्च बिहार सरकार ही उठाएगी।
सोमवार को उन्होंने पत्रकारों से इस बारे में कहा कि बिहार सरकार लौटने वाले छात्रों, प्रवासी मजदूरों के ट्रेन के किराए का खर्च उठाएगी, पृथक-वास की अवधि पूरी होने पर किराये का भुगतान किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा- मैं केंद्र सरकार का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने दूसरे सूबों में फंसे बिहार के मजदूरों को वापस गृह राज्य पहुंचवाने के लिए स्पेशल (श्रमिक) ट्रेनें चलाईं। किसी को भी टिकट के पैसे देने की जरूरत नहीं है। एक क्वारंटीन सेंटर भी यहां पर उन लोगों के लिए बनाया जा रहा है।
बकौल नीतीश, “सभी को यहां (क्वारंटीन केंद्र) 21 दिन रखा जाएगा। बिहार सरकार इसके बाद इन सभी को 1000 रुपए न्यूनतम राशि के तौर पर देगी। इस स्कीम के तहत राज्य के लगभग 19 लाख लोगों को एक-एक हजार रुपए दिए जा चुके हैं।”
उधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि दूसरों राज्यों से म.प्र लौटने वाले मजदूरों के रेल टिकट का खर्च उनकी सरकार उठाएगी।
नीतीश और शिवराज के श्रमिकों के रेल टिकट का खर्च उठाने की बात से पहले कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका के अलावा RJD चीफ लालू प्रसाद यादव के बेटे ने केंद्र द्वारा मजदूरों से लॉकडाउन के दौरान रेल टिकट किराया लेने पर कड़ी निंदा की थी। इन सबने आरोप लगाया कि केंद्र ने गरीब और बेबस मजदूरों से लॉकडाउन के बीच भी रेल टिकट के पैसे ले लिए।
हालांकि, सोमवार को इसी पर रेलवे की सफाई आई। रेलवे ने बताया कि श्रमिकों को गृह राज्य पहुंचाने के लिए उनसे कोई टिकट नहीं लिया गया। इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि रेलवे ने प्रवासी कामगारों को ले जाने के लिए चलाई जा रही विशेष ट्रेनों के टिकट के किराये में 85 प्रतिशत की सब्सिडी दी है और शेष 15 फीसदी किराया राज्य सरकार को देना होगा।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि संबंधित राज्य सरकार भी टिकट के लिए भुगतान कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार यह कर रही है। उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि वह कांग्रेस शासित राज्यों को भी ऐसा ही करने को कहें। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गरीब प्रवासी मजदूरों से किराये का पैसा लेने के लिए रेलवे पर हमला किया था।