जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय विवाद पर भाजपा आक्रामक रूख अख्तियार कर विपक्ष का सामना करेगी। सूत्रों का कहना है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस मामले में आक्रामक प्रचार करने को कहा है। पार्टी के बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,’हम जेएनयू पर बहस को तैयार हैं। हम हमारी कार्रवाई को लेकर मजबूत बचाव पेश करेंगे। किसी भी तरह की बहस से फायदा भाजपा का ही होगा। जेएनयू स्कॉलर्स और वामपंथियों ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी है वह हैरानी वाली नहीं है। वे हमेशा से हमारे खिलाफ थे और अब पहले से ज्यादा आक्रामक है क्योंकि उनके प्रचार के बावजूद जनता ने हमें संसद में बहुमत दिया। हमारी रणनीति जेएनयू में माओवाद और कश्मीर आजादी का समर्थन करने वालों को अकेला करना है।’
छात्र प्रदर्शन और कैंपस में पार्टी को हो सकने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा,’दिल्ली से बाहर जाकर देखिए। सब हमारा समर्थन कर रहे हैं।’ भाजपा नेतृत्व का मानना है कि इस मामले में बहस इलिट क्लास लोगों का मुद्दा है और दिल्ली से बाहर मुश्किल से लोग इस बारे में बात करते हैं। भाजपा नेताओं का मानना है कि राष्ट्रवाद और देशभक्ति की बातें उन्हें और उनके कार्यकर्ताओं को ज्यादा सुहाती हैं। वरिष्ठ केंद्रीय नेता के अनुसार, ‘जेएनयू विवाद के बाद कार्यकर्ता उत्साह से भरे हुए हैं। मीडिया का ध्यान नकारात्मक मुद्दों से हट गया है।’
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वहीं पार्टी और सरकार में जेएनयू को चलाने में बदलाव को लेकर भी चर्चा है। कुछ बड़े भाजपा नेताओं का दावा है कि जेएनयू में छात्रों और अध्यापकों का रिश्ता मजबूत है क्योंकि अध्यापक इंटरनल ग्रेडिंग के चलते छात्रों को ब्लैकमैल करते हैं। भाजपा नेता दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी के समर्थन में हैं। उनका कहना है कि जेएनयू राष्ट्रवाद विरोधियों का अड्डा है। बस्सी सही रास्ते पर जा रहे हैं। एक भाजपा नेता ने कहा,’मैं आपको चैलेंज देता हूं कि आप अपनी वेबसाइट पर जेएनयू को लेकर वोट करा लीजिए। पूरे भारत में लोग सरकार की पूंजी से बनी यूनिवर्सिटी के अंदर भारत विरोधी नारों से परेशान हैं।’