Russia and America: भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को ट्रंप टैरिफ के बीच भारत-अमेरिका संबंधों पर भरोसा जताते हुए कहा कि दोनों देशों ने “कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है”। विदेश मंत्रालय की तरफ से यह बयान डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की अहम मुलाकात से एक दिन पहले आई है, जिसके नतीजों का असर भारत पर पड़ेगा, क्योंकि रूसी तेल की लगातार खरीदारी के चलते उसे 25% अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा संयुक्त सैन्य ‘युद्ध अभ्यास’ के 21वें संस्करण की भी घोषणा की गई, जो इस महीने के अंत में अलास्का में होने की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “अमेरिका और भारत एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं जो साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच मज़बूत संबंधों पर आधारित है। जैसा कि हमने पहले कहा था, इस साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है, हम दोनों देशों द्वारा प्रतिबद्ध ठोस एजेंडे पर केंद्रित हैं, और हमें उम्मीद है कि यह रिश्ता आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर आगे बढ़ता रहेगा।”
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच आगामी बैठक पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली बैठक के लिए अमेरिका और रूसी संघ के बीच बनी सहमति का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है। भारत आगामी शिखर सम्मेलन का समर्थन करता है। वहीं, जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में जाएंगे या नहीं? इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
संयुक्त सैन्य अभ्यास – ‘युद्ध अभ्यास’ का 21वां संस्करण भी इस महीने के अंत में अलास्का में आयोजित होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस महीने के अंत में कार्यकारी स्तर पर 2+2 अंतर-सत्रीय बैठक आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिकी रक्षा नीति टीम अगस्त के मध्य में भारत का दौरा करने वाली है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी, जो मूलभूत रक्षा समझौतों पर आधारित है, द्विपक्षीय साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह मज़बूत सहयोग सभी क्षेत्रों में मज़बूत हुआ है। हमें उम्मीद है कि अगस्त के मध्य में एक अमेरिकी रक्षा नीति टीम दिल्ली में होगी।
यह कदम नई दिल्ली द्वारा उस मीडिया रिपोर्ट को खारिज करने के बाद उठाया गया है जिसमें दावा किया गया था कि भारत ने अमेरिका के साथ प्रमुख रक्षा खरीद के लिए वार्ता रोक दी है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि भारत द्वारा अमेरिका के साथ रक्षा खरीद संबंधी बातचीत रोकने की खबरें झूठी और मनगढ़ंत हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि खरीद के विभिन्न मामलों में मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार प्रगति हो रही है। वहीं, पुतिन ने कहा कि हम अपने स्टैंड पर कायम हैं। पढ़ें…पूरी खबर।