Wayanad Landslide Rescue: केरल के वायनाड में प्राकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया, जहां मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में हुई लैंडस्लाइड की घटनाओं के चलते अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 219 घायल है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अभी-भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, जिसकी कमान अब सीधे तौर पर भारतीय सेना के हाथ में हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत सेना ने महज 24 घंटों से भी कम समय में 190 फुट लंबा एक बैली पुल खड़ा कर दिया, जो कि वायनाड में मुंडक्कई और चूरलमाला के लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों को कनेक्ट करता है।

इस पुल का निर्माण कार्य बुधवार रात साढ़े 9 बजे शुरू हुआ था और गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे तक पूरा हो गया था। कर्नाटक और केरल जीओसी मेजर जनरल वीटी मैथ्यू ने तैयार हुए इस पुल के ऊपर से करीब 24 टन भार वाले ट्रक और सेना के एंबुलेंस को भी गुजार दिया और पुल की क्षमता को इससे भी ज्यादा वजन का करार दिया।

लैंडस्लाइड में बिखर गया था 100 फीट का कंकरीट ब्रिज

जानकारी के मुताबिक जिस जगह पर 100 फीट का कंकरीट वाला पुल लैंडस्लाइड के चलते ढह गया था, ठीक उसी जगह पर सेना ने यह 190 फीट का बैली पुल बनाय है। इसे नदी के बीच घाट के साथ बनाया गया है। इसके निर्माण के लिए पार्ट्स दिल्ली और बेंगलुरु से विमान के जरिए केरल के कन्नूर लाए गए थे और फिर 17 ट्रकों के जरिए निर्माण स्थल पर पहुंचाए गए थे।

मेजर जनरल मैथ्यू ने जानकारी के मुताबिक, इस पुल से लोगों और सामग्री का परिवहन बहुत आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि लापता हुए लोगों के ज्यादा से ज्यादा मिलने की उम्मीद है। हम हर जगह तलाश कर रहे हैं। कुछ लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। ऐसे लोग भी होंगे जो मदद के लिए संपर्क नहीं कर पा रहे होंगे। दुर्भाग्य से हम शवों की भी तलाश कर रहे हैं।

टूट गया था लकड़ी का पुल

त्रासदी के बाद रेस्क्यू टीम्स ने लोगों की मदद के लिए लकड़ी के कुछ अस्थायी पुल बनाए थे। हालांकि, बुधवार को भारी बारिश के कारण ये अस्थायी पुल टूट गए थे, जिसके बाद सेना ने स्थायी तौर पर मजबूत पुल महज 24 घंटों से भी कम समय में बना दिया।

चौथे दिन भी जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

अधिकारियों का कहना है कि इस 190 फीट के पुल के निर्माण के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में और तेजी आई है। इस पुल के रास्ते उत्खनन मशीनों सहित भारी मशीनें और एंबुलेंस मंडकक्कई और चूरलमाला तक पहुंच पाएंगी। भूस्खलन के चौथे दिन शुक्रवार को बचाव कर्मियों की 40 टीमों ने बारिश के बीच भी रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन जारी रखा था।