लद्दाख में भारतीय सड़कों का इस्तेमाल चीन द्वारा किए जाने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सवाल किया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ”इससे ज्यादा मोदी जी और राजनाथ जी को और क्या सबूत दिया जाए ? मोदी जी चीन को अपनी लाल ऑंखें कब दिखायेंगे? यदि आप नहीं हिम्मत कर रहे हैं तो हटिए और राजनाथ जी को दिखाने दीजिए।”
बता दें कि भारत और चीन ने रविवार को कोर कमांडर स्तर की वार्ता फिर से शुरू की जिससे कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे गतिरोध को खत्म किया जा सके। लेकिन इस बीच सीमावर्ती गांवों में से एक गांव के प्रमुख ने दावा किया कि चीनी वाहन भारतीय सड़कों का इस्तेमाल करते हुए भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए।
कोयुल के ग्राम प्रधान उर्गैन त्सावांग ने 16 दिसंबर 2020 का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें दो चीनी वाहन स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों से बात करने के बाद पीछे हट गए। यही नहीं, 10 दिसंबर, 2020 के एक अन्य वीडियो में कुछ चीनी नागरिकों को इलाके की तस्वीरें लेते हुए देखा गया।
What more evidence does Modi ji and Rajnath Singh ji want now? मोदी जी चीन को अपनी लाल ऑंखें कब दिखायेंगे? यदि आप नहीं हिम्मत कर रहे हैं तो हटिए और राजनाथ जी को दिखाने दीजिए। https://t.co/S8yJ2wJs3d
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 25, 2021
उर्गैन, जिन्होंने वीडियो शूट किया, ने बताया कि जब चरवाहे इस साल गए थे, तो चीनी लोगों ने उन्हें वहां से जाने के लिए कहा। 10 दिसंबर को, कुछ ग्रामीणों ने वहां जाकर देखा कि चीनी भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे और वे सीमा से एक किलोमीटर से अधिक भीतर आ गए थे। हमने भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया, जिन्होंने हमें वहां कैंप लगाने और एक इंच भी पीछे नहीं हटने के लिए कहा। हम चार-पाँच दिनों तक पहरा देते रहे।
उन्होंने बताया कि जिस क्षेत्र में चीनी थे वह गश्त बिंदु 38 के करीब है। हमारे चरवाहे पिछले दो सालों से सर्दियों में वहां नहीं गए । हम इस बार अपने इलाके में चीनी लोगों को देखकर हैरान रह गए। ऐसा कभी नहीं हुआ था। हमारे इलाके पर कब्जा करने के लिए भारत द्वारा निर्मित सड़कों का उपयोग किया जा रहा है; हम ऐसा नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि चीनी की कोशिशों को रंगे हाथों पकड़ा गया है क्योंकि सब कुछ फोन पर रिकॉर्ड है। स्थानीय लोगों द्वारा शूट किए गए एक वीडियो में स्थानीय अधिकारी और आईटीबीपी अधिकारी एक वाहन के पास दिख रहे हैं जिसमें 7 चीनी सवार हैं। चीनी लोग बाद में वहां से चले जाते हैं।