उप राष्ट्रपति चुनाव की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार (4 अगस्‍त) को 1942-47 और 2017-22 के बीच तुलना करते हुये उम्मीद जताई कि अगले पांच सालों में देश में वैसा ही बदलाव देखने को मिलेगा क्योंकि दोनों शीर्ष पदों पर एक ही ‘संगठन और परंपराओं’ का पालन करने वाले लोग होंगे। उप राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी वेंकैया नायडू का समर्थन कर रहे राजग एवं अन्य दलों के सांसदों को संबोधित करते हुये मोदी ने भाजपा की पृष्ठभूमि का हवाला देते हुये उल्लेख किया कि राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति जैसे पदों पर बैठे लोग अगले पांच सालों तक एकसामान विचारधारा के व्यक्ति होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता के बाद से यह पहली बार है कि इस तरह का एक सुनहरा अवसर आया है। इस बात की प्रबल संभावना है कि हम अगले पांच सालों में देश को बहुत कुछ देने में सक्षम होंगे।’’

प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसदों के एक समूह से कहा कि भारतीय राजनीति के बदलते चेहरे को समझने के लिये उन्हें अपने कामकाज की शैली बदलनी होगी। मोदी ने अपने आवास पर आठ राज्यों के भाजपा सांसदों से मुलाकात की और उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं यथा मुद्रा, फसल बीमा और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभों की जानकारी दी। एक आधिकारिक वक्तव्य में मोदी के हवाले से बताया गया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से भी कहा कि उन्हें भारतीय राजनीति के बदलते चेहरे को समझने के लिये अपने कामकाज की शैली बदलनी होगी। आंध्र प्रदेश, असम, अरूणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, तेलंगाना और तमिलनाडु के सांसद बैठक में मौजूद थे। बैठक में सांसदों ने दक्षिणी राज्यों में हाल में भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हमले का मुद्दा भी उठाया।

वक्तव्य में बताया गया कि सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन के बारे में भी चिंता जताई और कहा कि इसपर नीतिगत दिशा—निर्देशों की आवश्यकता है। सांसदों ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं उज्ज्वला और कौशल विकास पर भी अपने सुझाव दिये। पूर्वोत्तर राज्यों के सांसदों ने क्षेत्र में बाढ़ के दौरान त्वरित राहत पहुंचाने के लिये मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान अपने आवास पर मोदी की भाजपा सांसदों के साथ यह नवीं और आखिरी बैठक थी।