हरिद्वार में खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन आश्रम में धर्म संसद के नाम पर यति नरसिंहानंद द्वारा 17 से 19 दिसंबर हुई एक महासभा आयोजित की गई थी। यह महासभा अब विवादों में आ गई है। बता दें कि इसमें मुसलमानों को मारने की बात की गई। इसे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इस महासभा में हिस्सा लेने वाले: इस मामले में वसीम रिजवी समेत कई लोगों पर उत्तराखंड पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। बता दें कि महासभा में निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा मां और वसीम रिजवी के अलावा बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय समेत बिहार के धर्मदास महाराज, आनंद स्वरूप महाराज, सागर सिंधुराज महाराज, स्वामी प्रेमानंद महाराज ने भी भाग लिया था।

विवादित बयानों से भरे इस कथित धर्म संसद में दिये गए बयान को लेकर पूर्व सशस्त्र बलों के प्रमुखों सहित कई दिग्गजों ने आलोचना की है। लोगों ने सरकार से इस पर कार्रवाई की मांग की है।

एडमिरल अरुण प्रकाश ने क्या कहा: हरिद्वार के कार्यक्रम के बारे में ट्वीट करते हुए एडमिरल अरुण प्रकाश ने लिखा, “इसे क्यों नहीं रोका जा रहा है? हमारे जवान दो मोर्चों पर दुश्मनों का सामना कर रहे हैं, क्या हम सांप्रदायिक खूनी खेल खेलेंगे?” उन्होंने कहा, “क्या हम घरेलू उथल-पुथल और अंतरराष्ट्रीय कलंक चाहते हैं? क्या यह समझना मुश्किल है कि राष्ट्रीय एकता और एकता को नुकसान पहुंचाने वाली कोई भी चीज भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है?”

बता दें कि पूर्व नौसेना प्रमुख और 1971 के युद्ध नायक, एडमिरल (सेवानिवृत्त) अरुण प्रकाश ने विवादित वायरल वीडियो को लेकर पूछा कि क्या “हम एक सांप्रदायिक रक्तपात चाहते हैं।” गौरतलब है कि दिग्गजों ने हाल ही में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और पंजाब के कपूरथला जिले के एक गुरुद्वारे में बेअदबी करने के आरोपी दो लोगों की भीड़ द्वारा हत्या करने की निंदा की थी।

पूर्व सेना प्रमुख बोले: 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान सेना प्रमुख रहे जनरल वी.पी. मलिक ने जनरल मलिक ने कहा, “इस तरह के भाषण से समाज में सद्भाव खराब होता है और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होती है।” उन्होंने प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई की मांग की।

वहीं रणनीतिक विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने अपने ट्वीट में कहा, “यह बेहद ही घृणित करने वाला है। अगर सरकार इस नफरत फैलाने वाले पर अंकुश नहीं लगाती है, तो यह देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होगा।”

मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) यश मोर ने लिंचिंग की निंदा करते हुए ट्वीट किया, “यह बहुत परेशान करने वाला है, क्योंकि पंजाब में धर्म के नाम पर दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। हम एक और पाकिस्तान बनते जा रहे हैं। यह नफरत बंद होनी चाहिए नहीं तो हम बर्बाद हो जाएंगे।”

नरसिंहानंद सरस्वती का बयान: बता दें कि यूपी के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत और ‘जूना अखाड़े’ के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा था, “हिंदू समूहों को खुद को अपडेट करने की जरूरत है। ये लड़ाई बेहतर हथियार वाले लोग ही जीतेंगे। हथियार उठाए बिना धरती की कोई कौम ना तो बच सकती है और ना ही कभी बचेगी।”

उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक बच्चे और अच्छे से अच्छे हथियार ही तुम्हें बचाने वाले हैं। हम तो केवल साथ खड़े हैं, और वो भी कितने दिन ये कोई नहीं जानता। हर एक व्यक्ति को अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी है। सभी को अपनी औरतें, अपने बच्चे, अपना घर खुद बचाना है।