कोरोना संकट काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार वेंटिलेटर के मोर्चे पर तय लक्ष्य से चूक गई। केंद्र को जून के अंत तक PM Care Fund के तहत 60 हजार वेंटिलेटर हासिल कर लेने थे, पर सरकार सिर्फ 20 हजार वेंटिलेटर ही खरीद सकी। ऐसा तब हुआ, जब सरकार के पास इस काम के लिए पैसों की कमी नहीं थी। वेंटिलेटर्स के लिए केंद्र ने दो हजार करोड़ रुपए अलग से रखे थे।
अंग्रेजी चैनल India Today की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में PM Care Fund के तहत खरीदी गई मशीनें फैक्ट्री गोडाउन में रखी हैं। हैरत की बात है कि ये वेंटिलेटर तब यूं ही रखे मिले, जब देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में आईसीयू बेड्स की खासी कमी देखी जा रही है।
खबर के मुताबिक, 14 मई के बाद इस बाबत कोई टेंडर ही नहीं जारी हुआ। डेडलाइन से पहले 60 हजार वेंटिलेटर आने थे, पर 20 हजार वेंटिलेटर ही खरीदे जा सके। यानी टारगेट से 40 हजार कम वेंटिलेटर ही पीएम केयर फंड के जरिए जून अंत तक आ सके।
टीवी चैनल पर इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने इस बारे में एक्सपर्ट्स से बात की तो एक पैनलिस्ट ने एक समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि इन वेटिलेंटर्स की टेक्नोलॉजी से हमारे डॉक्टर्स भी मौजूदा समय में अच्छी तरह से वाकिफ नहीं हैं।
News Today 9 pm: strong EXCLUSIVE report from @patelanandk .. Ventilators purchased under PM Care Fund found dumped in Gurugram factory godown even as hospitals struggle with ICU beds: 60,000 ventilators end June target not met.. @IndiaToday news without the Noise pic.twitter.com/VkMyZqpKGt
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) July 4, 2020
HLL यानी हिंदुस्तान लाइफ केयर लिमिटेड, केंद्र के लिए Covid-19 संबंधी खरीद करने वाली एजेंसी है। फिलहाल इसने ताजा खरीद पर रोक लगा रखी है, क्योंकि उसे अस्पतालों से भी इस बाबत शिकायतें मिली हैं। यही वजह है कि इनकी सप्लाई की चेन में ब्रेक लग गया है।
गुरुग्राम स्थित एलाईड मेडिकल्स के पास वेंटिलेटर्स हैं, पर वे ऑर्डर का इंतजार कर रहे हैं। कंपनी के निदेशक आदित्य कोहली ने अंग्रेजी चैनल को इस बारे में बताया- ये प्रोडक्ट स्वास्थ्य मंत्रालय की कमेटी द्वारा अप्रूव किया जा चुका है। हम 350 वेंटिलेटर्स दे चुके हैं। पिछले छह महीने में हमने दो हजार से अधिक वेंटिलेटर राज्य सरकारों और मिलिट्री संस्थानों को पहुंचाए। अब हम मंत्रालय से और ऑर्डर्स का इंतजार कर रहे हैं।
Skanray Technologies के एमडी वी.अल्वा ने कहा कि एचएलएल विभिन्न जगहों से सप्लाई किए गए वेंटिलेटर्स की पिछले दो महीनों से टेस्टिंग कर रहा है। अप्रैल के बाद से उसने कोई भी ऑर्डर नहीं दिया। ईसीएल ने भी एडवांस आईसीयू वेंटिलेटर्स-सीवी 200 का टेस्ट किया है और वह भी महिंद्रा की ही तरह ऑर्डर का इंतजार कर रही है। किसी को कुछ नहीं पता कि एचएलएल को क्या चाहिए और कितनी संख्या में?
