Joshimath: जोशीमठ (Joshimath) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार (16 जनवरी, 2023) को दखल से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) में जोशीमठ भूमि धंसाव पर जनहित याचिका (पीआईएल) जारी रखने की अनुमति दे दी है। कोर्ट का कहना है कि उच्च न्यायालय में पहले से ही यह मामला चल रहा है। कोर्ट ने कहा कि हम सिर्फ सोशल मीडिया में साउंड बाइट देने के लिए सुनवाई नहीं कर सकते।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जोशीमठ के लोगों के पुनर्वास और उनकी संपत्ति का बीमा कराए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि हाई कोर्ट में यह मामला चल रहा है इसलिए उन्हें अपनी बात वहीं रखनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा, सोशल मीडिया में साउंड बाइट देने के लिए सुनवाई नहीं कर सकते
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के समक्ष एक नई याचिका दायर करने या वहां लंबित कार्यवाही में हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, “हम नहीं चाहते कि कोई भी इन कार्यवाही का उपयोग केवल सोशल मीडिया के लिए साउंड बाइट्स के लिए करे।”
अब तक 826 घरों में आई दरारें
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण जोशीमठ की भूमि धंस रही है और प्रभावित लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजे की मांग की थी। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, दरार वाले घरों की संख्या अब बढ़कर 826 हो गई है, जिनमें से 165 असुरक्षित क्षेत्र में हैं। अब तक, 798 लोगों को अस्थायी राहत केंद्रों में ले जाया गया है। अंतरिम सहायता के रूप में प्रभावित परिवारों के बीच 2.49 करोड़ की राशि वितरित की गई है। इसके अलावा, उन्हें कंबल, भोजन, दैनिक उपयोग की किट, हीटर, ब्लोअर और राशन किट भी उपलब्ध कराए गए हैं।
दो और होटल एक दूसरे की ओर झुके
बता दें कि जोशीमठ के कई घरों और होटलों में दरारें देखी गई हैं। ऐसे में प्रशासन ने कुछ इलाके को असुरक्षित क्षेत्र घोषित किया है। अब यहां स्थित जिन घरों और होटलों में सबसे ज्यादा दरारें हैं उन्हें जमींदोज करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में दो और होटलों के एक दूसरे की तरफ झुकने की खबर है। होटल के मालिक का दावा है कि भूमि धंसाव के कारण बिल्डिंग झुकी हैं।
होटल के मालिक ने बताया, “होटलों के बीच की दूरी 28 इंच थी जो घटकर 4 इंच की रह गई है। प्रशासन की तरफ से हमारे पास कोई नहीं आया। होटल के निर्माण में कोई कमी नहीं है। अगर कमी होती तो 10 जगहों से नहीं होती।”