Haridwar Ganga: भारी बारिश ने कई राज्यों में तबाही मचा रखी है। इसी बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं। गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर से दो मीटर से भी कम रह गया है। जिसके कारण ऋषिकेश में राफ्टिंग को बंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।
राफ्टिंग अगले आदेश तक बंद
गंगा नदी में बढ़ते जलस्तर का प्रमुख कारण दक्षिण पश्चिम मानसून के आगमन और भारी बारिश के दो दिन बाद हुआ है। सभी बाढ़ नियंत्रण चौकियां, बैराज और आपदा प्रबंधन की को अलर्ट पर रखा गया है। जिला अधिकारी चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर रख रहे हैं। गंगा नदी में बाढ़ के कारण एहतियात के तौर पर ऋषिकेश के पास पौड़ी, टिहरी और देहरादून जिलों में पड़ने वाले गंगा क्षेत्र में राफ्टिंग को अगले निर्देश तक बंद कर दिया गया है।
नरेंद्रनगर के एसडीएम देवेंद्र नेगी ने कहा, ‘गढ़वाल मंडल में लगातार बारिश के कारण राफ्टिंग जारी रखना जोखिम भरा है, इसलिए अगले निर्देश तक गंगा और उसके आसपास रिवर राफ्टिंग और संबंधित कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भीमगोड़ा बैराज नदी के जल स्तर के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह गंगा नदी 291.80 मीटर पर बह रही थी, जो चेतावनी स्तर से सिर्फ 1.20 मीटर कम है। रविवार दोपहर को जल स्तर 292.20 मीटर दर्ज किया गया, जिससे गंगा के आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया।
हरिद्वार मेयर ने दिए जरूरी निर्देश
हरिद्वार की मेयर अनीता शर्मा ने सोमवार को अधिकारियों को छोटे और बड़े नालों को साफ करने का निर्देश दिया, क्योंकि शहर के विभिन्न हिस्सों से जलभराव की खबरें आ रही थीं।
अनीता शर्मा ने कहा, ‘नगर निगम के अधिकारियों को सोमवार से बाजार, सड़क के किनारे और कॉलोनियों के अंदर छोटे और मध्यम नालों की सफाई करने का निर्देश दिया गया है। शर्मा ने कहा कि पिछले दो दिनों की बारिश से शहर जलजमाव से जूझ रहा है और यह नगर निगम अधिकारियों की ढिलाई के कारण है। पिछले वर्षों में भी नाला गैंग दस्तों ने मानसून के मौसम से पहले नालों की सफाई प्रभावी ढंग से की थी, लेकिन इस बार कुछ अधिकारियों और भाजपा पार्षदों ने जानबूझकर इस प्रक्रिया में बाधा डाली।’
नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने कहा, ‘रविवार दोपहर से ही, नागरिक कर्मी प्रभावित कॉलोनियों और क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। नालों की सफाई की जा रही है और अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया जा रहा है।’
वहीं लक्सर और खानपुर ब्लॉक में सोलानी और बाण गंगा नदियों का जलस्तर बढ़ने से करीब दो दर्जन गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है। लक्सर के तहसीलदार चन्द्रशेखर वशिष्ठ ने कहा, ‘हम गंगा और उसकी उप-सहायक नदियों में जल स्तर पर नजर रख रहे हैं। बाढ़ जांच चौकी के कर्मी, आपदा प्रबंधन कर्मी, पुलिस और एसडीआरएफ के कर्मी अलर्ट पर हैं।’