कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देश के पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य की परंपरा है। लेकिन इस बार उत्तराखंड सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार में गंगा नदी में पवित्र स्नान करने की अनुमति नहीं होगी। कार्तिक पूर्णिमा को ही देव दीपावली या त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान करने, दान करने और पूजा-पाठ करने से बहुत पुण्य मिलता है।

हरिद्वार के हरि की पौड़ी घाट समेत विभिन्न घाटों पर इस अवसर पर लाखों लोग जुटते हैं। भोर से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो रात तक जारी रहता है। इस दौरान घाट और मंदिरों पर सामूहिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ तथा यज्ञ और भजन-कीर्तन होता है। पर्व के अवसर पर वहां मेला भी लगता है। कोरोना वायरस के चलते सरकार ने लोगों के जुटने पर रोक लगा दी है। इससे लोगों में निराशा है।

उत्तराखंड में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 72642 तक पहुंच चुकी है। बुधवार को 482 नए मामलों का पता चला है। राज्य में अब तक 1173 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के दोबारा सक्रिय होने और ठंड बढ़ने से सरकार ने ऐहतियातन ऐसे कदम उठाए हैं। सरकार सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा उपायों का उल्लंघन करने और रोक के बावजूद स्नान करने आने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अगले कुछ महीनों में उत्तराखंड में कुंभ मेले का भी आयोजन होने वाला है। इस मेले में देश-दुनिया के संतों-महात्माओं समेत लाखों लोग जुटते हैं। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि कुंभ मेले में आने वाले सभी लोगों की कोरोना जांच की जाएगी। इसके बाद ही उन्हें मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति होगी। बताया कि कुंभ के अवसर पर श्रद्धालुओं की संख्या की जांच के लिए जल्द ही एक कार्य योजना बनाई जाएगी।