उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र स्थित जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने के बाद आई तबाही पर मंगलवार को संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहम जानकारियां दीं। उन्होंने बताया, “7 फरवरी 2021 के उपग्रह डाटा के अनुसार ऋषि गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में समुद्र तल से 5600 मीटर ऊपर ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ जो लगभग 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जितना बड़ा था। जिससे ऋषि गंगा नदी के निचले क्षेत्र में फ्लैश फ्लड की स्थिति बन गई।”
शाह के अनुसार, “टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए रातभर के अथक प्रयास के बाद सेना ने टनल के मुंह पर पड़े मलबे को साफ कर लिया है, हमारे लोग काफी अंदर तक गए हैं।”
उन्होंने बताया कि सोमवार शाम पांच बजे तक 20 शव मिले। दूसरे टनल में 25 से 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है, जबकि NTPC के 12 कर्मचारियों को बाहर निकाला जा चुका है। 197 लोग फिलहाल लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। वहीं, पुल बहने के कारण 13 गांवों से संपर्क टूट गया है। प्रधानमंत्री हालत पर नजर बनाए हैं।
उत्तराखंड में ग्लेशियर से आई तबाही की घटना के शिकार हुए पीड़ितों को राज्यसभा के सदस्यों ने मंगलवार को यूं खड़े होकर श्रद्धांजलि दी।
इसी बीच, State Emergency Control Centre ने मंगलवार दोपहर एक बजे बताया कि अभी तक 31 लाशें बरामद की जा चुकी हैं। वहीं, NDRF की टीम तपोवन में टनल के अंदर के हाल की तस्वीरें हासिल करने के लिए ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल कर रही है, ताकि वहां फंसे श्रमिकों-मजदूरों को बाहर निकाला जा सके। ड्रोन की क्षमता 190 मीटर तक जाने की है। हालांकि, अभी तक टीम को किसी और शव की खबर नहीं है, पर एक जेसीबी मिट्टी की गाद में फंसी जरूर नजर आई है।