उत्तराखंड सरकार पर मंडरा रहा संकट अब और गहरा गया है। शनिवार देर रात स्पीकर ने 9 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। इससे पहले बीजेपी नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। शनिवार को दिल्ली में केंद्र सरकार के मंत्रियों ने इस मसले पर बैठक भी की। इस बीच उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी लगातार धमकी दे रही है। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा, ”हम जनता के बीच जाएंगे।” रावत ने मीडिया से यह भी कि कहा,” इसका मतलब आप निकाल लीजिए। सीएम रावत ने कहा, ‘एक छोटे से सीमांत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही जा रही है। मैं इसे लोकतंत्र और संविधान की हत्या के रूप में देखता हूं। केंद्र में सत्तारूढ़ दल ने उत्तराखंड में दल-बदल करवाया। मैं राज्य की जनता से अपील करना चाहता हूं कि वे इन सब बातों को देखें। अगर कोई धमकी देता है तो ये धमकी अर्थपूर्ण हो जाती है।’
I want to place this question before the people of the state: Harish Rawat #Uttarakhand pic.twitter.com/1Dm6XaICdV
— ANI (@ANI_news) March 27, 2016
रावत ने कहा कि आप सरकार बदलना चाहते हैं। यानी आप जनता नहीं पैसे पर विश्वास कर रहे हैं। आप धनबल से राज्य की राजनीति को प्रभावित करेंगे। इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘राज्य के हर इंस्टीट्यूशंस को रन डाउन किया जा रहा है, जिस कथित स्टिंग को क्रेडिबिलिटी वाला बताया जा रहा है, मैं बताना चाहता हूं कि 50 साल उत्तराखंड की खाक छानी है। करोड़ों लोगों से संवाद किया है। 24-25 साल से जनता की आवाज उठाता रहा हूं। एक स्टिंग से मेरी छवि वो लोग खराब कर रहे हैं जिन पर खुद धोखाधड़ी का आरोप लगा है। वो किस तरह के लोग हैं, उनका भी डीएनए जांचने की जरूरत है।’
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इससे पहले सीएम हरीश रावत ने शनिवार आधी रात को स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल से मुलाकात कर दल-बदल कानून के तहत 9 बागी विधायकों को बर्खास्त करने की मांग की थी। स्पीकर ने इन विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे और जवाब नहीं मिलने पर सभी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया।
शनिवार को हरीश रावत के खिलाफ बागी विधायकों ने एक स्टिंग जारी किया, जिसमें सीएम और एक शख्स के बीच पैसे के लेन-देन की भी बातचीत होने का दावा किया जा रहा है। बागी कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत का आरोप है कि उन्हें और उनके साथियों को जान से मारने की भी धमकी दी जा रही है। रावत का आरोप है कि कांग्रेस के 9 बागियों और कुछ बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की जा रही है।
इन आरोपों पर उत्तराखंड कांग्रेस का कहना है कि स्टिंग फर्जी है और इसकी जांच की जानी चाहिए। जांच में जो भी दोषी हो, उस पर कार्रवाई की जाए। बता दें कि हरीश रावत सरकार इस समय संकट में है। उनकी पार्टी के 9 विधायक बीजेपी के साथ मिल चुके हैं। गवर्नर ने सीएम हरीश रावत से कहा है कि वह 28 मार्च को बहुमत साबित करें।
My DNA is the DNA of the people, it is not an imported DNA like others: Harish Rawat, CM #Uttarakhand
— ANI (@ANI_news) March 27, 2016
असेंबली में अभी क्या है स्थिति
70 सीटों वाली उत्तराखंड असेंबली में कांग्रेस के 36, बीजेपी के 28, निर्दलीय 3, बीएसपी के 2 और यूकेडी का 1 विधायक है। कांग्रेस से 9 विधायक बागी हैं। इससे कांग्रेस के पास 27 विधायक रह जाते हैं। उसे पीडीएफ के 6 मेंबर्स का सपोर्ट हासिल है।
स्पीकर कांग्रेस के नौ बागियों को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य करार दे चुके हैं, ऐसे में विधानसभा 61 सीटों की रह जाएगी और तब बहुमत के लिए 31 की जरूरत होगी। ऐसे में, रावत कांग्रेस के 27 और पीडीएफ के 6 मेंबर्स के बूते सरकार बचा सकते हैं।